पांच लाख नौकरियों का वादा: अब रोजगार मांगते छात्रों पर बरसानी पड़ रही है लाठियां, देखिये क्या हुआ

रोजगार की मांग करते इन छात्रों को लाठी हांक कर भागने के लिए मजबूर करना तो बेहद आसान है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि छात्रों में व्याप्त इस गुस्सा को शांत कैसे किया जायेगा. याद रहे कि ये वही छात्र हैं, जिनके द्वारा कभी “हेमंत हैं तो हिम्मत है” का नारा लगाया जाता था, आज जब इन छात्रों को यह महसूस हुआ है कि रोजगार के मोर्चे पर यह सरकार असरदार नहीं है तो वे विरोध पर उतारु हैं, उनका आक्रोश सड़कों पर उमड़ रहा है, सवाल इन पर  लाठी भाजंने का नहीं इनकी समस्यायों को दूर करने का है, शायद सरकार संवेदनशील तरीके से इन छात्रों की मांग को सुने और उनकी समस्याओं और चिंताओं समझने की कोशिश करे.