रांची(RANCHI) - देश भर में कोरोना एक बार फिर डराने लगा है. कोरोना के नए सब वेरिएंट को लेकर दक्षिण भारत के कई राज्य केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र में बहुत सारे केस मिल रहे हैं. लगभग 4000 केस कोरोना के नए सब वेरिएंट JN.1 के मिल रहे हैं. जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. झारखंड के कोडरमा में भी एक संदिग्ध मरीज मिलने की सूचना है. अभी उसके सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो पाई है. इसलिए बहुत कंफर्म तरीके से नहीं कहा जा सकता कि वह कोरोना पॉजिटिव नए सब वेरिएंट की वजह से है.
जानिए जांच सुविधा के बारे में
सभी को याद होगा जब कोरोना फैल रहा था तब किस प्रकार से हाय-तौबा मच रहा था.जांच किट के लिए मारामारी हो रही थी. पूरे देश भर में प्रतिदिन हजारों मामले आने की वजह से जांच किट की कमी हो जाती थी लेकिन भारत सरकार ने बहुत ही संतुलित तरीके से सभी राज्यों को किट भिजवाए. लेकिन आज स्थिति यह है कि रांची में ही कोरोना जांच किट बड़ी मात्रा में पड़े हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से कुछ दिनों में ये किट एक्स्पाइर हो जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार लगभग 40 हजार किट यहां पर पड़े हैं.जांच करने आएगा तभी तो इसका उपयोग हो पाएगा. फिलहाल नए कोरोना सब वेरिएंट को लेकर जांच प्रक्रिया तेज हो सकती है बशर्ते कि लोग किसी प्रकार के लक्षण से पीड़ित हो और वह जांच करने के लिए आए. हम आपको बता दें कि रांची में 40000 किट पड़े हैं यह 2 महीने में एक्सपायर हो जाएंगे. एक किट की लागत 50 रुपए आती है. इस हिसाब से देखें तो लगभग 20 लाख रुपए की जांच किट है. जो अब कुछ ही दिनों में बर्बाद हो जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 8 से 10 लोगों की जांच हो पाती है. ऐसे में समझा जा सकता है कि कोरोना जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग किस तरह से पैसों की बर्बादी कर रहा है.
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