टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-उत्तरकाशी के सिक्यारा सुरंग में जिंदगी की जंग जीतकर अपने-अपने घर लौटे मजदूरों को तो 17 दिन ताउम्र याद रहेगा. क्योकि अंधेरी सुरंग के अंदर अपना जीवन बचाने का सबसे बड़ा इम्तहान था. इनकी सलामती के लिए दुआ के हाथ देश भर से उठे .राज्य सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक इन्हें जालिम सुरंग से निकलाने के लिए जद्दोजहद की. इन 41 मजदूरों मं से 15 झारखंड के श्रमिक भी थे. सभी की जान सलामत रही और अपने घर लौट चुके हैं.
सुरंग के अंदर था फूड स्टॉक
सिलक्यारा सुरंग में रहने के दौरान तमाम तरह के इंतजाम किए गये थे . इसके अंदर खाने की कमी न हो फूड स्टॉक बनाया गया था. आपतास्थिति में बनाए गये इस फूड स्टॉक में भारी मात्रा में फलों का इंतजाम किया गया था. स्टॉक में 50 किलो संतरा, 80 किलो सेब, केला औऱ ड्राइ फ्रूट बस्किट का इंतजाम था. अभी भी ये फूड स्टॉक सुरंग के अंदर ही पड़ा हुआ है.
एक श्रमिक ने बनाया वीडियो
सुरंग के अंदर कैसे जिंदगी कट रही थी, कैसा महसूस सभी कर रहे थे औऱ क्या-क्या तकलीफे हुई . इसे लेकर एक श्रमिक ने वीडियों के जरिए सारी बात बताई. इसका ये वीडियो वायरल होने के बाद काफी सुर्खिया भी बटोर रहा है . इस वीडियो में सुरंग के अंदर काफी मात्रा में सेब, संतरा, केले और ड्राई फ्रूड्स का स्टॉक रखा है और वह कहां सोते हैं, कैसे रोज अपना वक्त गुजार रहे हैं…इन सभी दृश्य दिखाये गये हैं. इसमे बताया गया है कि प्रशासन ने ये स्टॉक इसलिए वहां जमा करवाएं ताकि किसी भी आपताकालीन हालात में किसी को भूखा न रहने पड़े .
दिवाली के दिन हादसा
आपको बता दे 12 नवंबर के दिवाली के दिन उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. जिसके मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस गये थे. इन्हें बचाने के लिए 17 दिन युद्ध स्तर का बचाव अभियान चलाया गया था. इन मजदूरों के बचाने के ऑपरेशन पर पीएम मोदी भी नजर बनाए हुए थे. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद समय-समय पर जाकर इसका जायजा ले रहे थे. मजदूरों को निकालने के लिए पूरे देश में दुआए की जा रही थी.