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क्या कोरोना फिर मचाएगा तबाही, जानिए कैसे निपटेगा भारत कोविड से

क्या कोरोना फिर मचाएगा तबाही, जानिए कैसे निपटेगा भारत कोविड से

रांची (RANCHI):  एक बार फिर कोरोना ने दिया है दस्तक. इसके बाद ही एक सवाल जो सबके जुबान पर है कि क्या भारत में फिर मचेगा हाहाकार. चीन के वुहान से निकले इस वायरस ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है.  साल 2019 के अंत से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला अपने प्रचंड रूप दिखा कर अभी शांत ही हुआ था की चीन से ही फिर इसके नए वेरिएन्ट BF.7  के फैलने की खबर है. मानव बाल से 900 गुण छोटे इस कोरोना वायरस ने जहां  साल 2020 एयर 21 में भारत में तहलका मचा दिया था. लोगों ने अपने सगे संबंधियों को इस कोरोना लहर में खो दिया. तो क्या फिर से भारत में कोरोना की लहर की चपेट में आ सकता है. बता दें इन दिनों चीन मे कोरोना वायरस अपने प्रचंड रूप में कहर बरसा रहा. विशेषज्ञों की माने तो चीन में तीन महीने के भीतर कोरोना की तीन लहर आ सकती है.

चीन में आ  सकती है कोरोना की तीन लहर 

चाइनीज़ सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के मुख्य महामारी विज्ञानी वू ज़ून्यू के मुताबिक, "पहली लहर अब से जनवरी के मध्य तक चलेगी. दूसरी लहर के जल्द ही बाद में आने की संभावना है, जो 21 जनवरी से शुरू होगी. फिर फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक तीसरी लहर का सामना करना पड़ेगा." चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निश्चित रूप से कोरोना को लेकर चीन की सरकार 'पूरी तरह तैयार नहीं' थी, क्योंकि सरकार ने देशभर में जनता के विरोध प्रदर्शनों के बाद अपनी ज़ीरो-कोविड पॉलिसी को अचानक खत्म करने का फैसला कर लिया था. कोरोना से हुई मौतों की तादाद पर भी चीन की सरकार अब तक चुप्पी साधे बैठी है. बहरहाल, चीनी प्रशासनिक अधिकारियों ने आने वाले महीनों में COVID संक्रमणों की लगातार लहरों की चेतावनी जारी की है, क्योंकि इस माह की शुरुआत में प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. "मौजूदा फैलाव इन्हीं सर्दियों में अपने चरम बिंदु तक पहुंचेगा, और एक के बाद एक तीन लहरों के रूप में आने वाले तीन महीनों तक जारी रहेगा. " इस बयान की ख़बर सरकारी मीडिया में छपी रिपोर्ट के हवाले से 'द हांगकांग पोस्ट' ने दी.

क्या चीन की तैयारी है नाकाफ़ी  

सरकारी मीडिया में छपी रिपोर्ट के हवाले से 'द हांगकांग पोस्ट' ने बताया कि लोग उनके आसपास अनगिनत केसों के बारे में बता रहे हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ा सिर्फ 2,000 केस प्रतिदिन के आसपास ही बताया जा रहा है. पिछले ही सप्ताह राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कबूल किया था कि लक्षणरहित संक्रमण के मामलों पर नज़र रखना 'असंभव' है और अब वह ऐसे संक्रमणों की गिनती नहीं करेगा. गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने आने वाले महीनों में कम से कम 10 लाख मौतों की भविष्यवाणी की है. विशेषज्ञों के मुताबिक, बीमारी से छुटकारा पाने के लिए चीन की तैयारी अच्छी नहीं है, क्योंकि यहां बुज़ुर्गों के टीकाकरण की रफ़्तार तेज़ नहीं हो पाई है, अस्पतालों में आईसीयू क्षमता नहीं बढ़ पाई है, और एन्टी-वायरल दवाओं का भंडारण भी काफी कम है.

कैसे लड़ेगा भारत इस नए कोरोना वेरिएन्ट से 

भारत भी कोरोना के इस नए वेरियंट को लेकर सजग है. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री लगातार नजर बनाए रखे हैं. राज्यों को आवश्यक गाइडलाइन जारी कर दिशा निर्देश दिए गए हैं. बता दें पिछले वर्ष भारत में कोविन ने बहुत से लोगों की जान ले ली थी. हाल ही में चीन में बढ़ रहे कोविड के मामले को देखते हुए भारत इससे बचने के उपायों पर जोर दे रहा. इस संक्रमण को रोकने के लिए भारत की क्या है योजना 
1. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज यह कहते हुए कि कोविड खत्म नहीं हुआ है, राज्यों से निगरानी मजबूत करने और कोविड के नए और उभरते स्ट्रेन के लिए तैयार रहने को कहा.

2. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज सुबह विशेषज्ञों और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा, "कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. मैंने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं."

3. मंडाविया ने वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए पॉज़िटिव केस के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने के लिए कहा है.

4. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी पॉजिटिव मामलों के नमूने रोजाना INSACOG जीनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेटरीज (IGSLs) को भेजें. INSACOG भारत में कोविड के विभिन्न स्ट्रेन का अध्ययन और निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक फोरम है. इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ जोड़ा गया है.

5. चीन और अन्य देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए हवाई अड्डों पर रैंडम सैंपल टेस्टिंग की जाएगी.

6. केंद्र ने कहा है कि घबराने की कोई बात नहीं है. सरकार ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है.

7. सरकार ने कहा है कि वह हर हफ्ते कोविड की स्थिति की समीक्षा करेगी.

8. इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) पर नजर रखने के लिए सुविधाओं का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क स्थापित किया जाएगा.

9. समुदाय आधारित निगरानी नियमित रूप से की जाएगी. समुदाय में असामान्य घटनाओं, जैसे बड़े प्रकोप, असमान्य रूप से मामलों का आना, मृत्यु दर आदि का जल्द पता लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

10. जिला-स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) असामान्य घटनाओं का आकलन करेगी. यदि आवश्यक हुआ तो प्रकोप की जांच की जाएगी.

11.  स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि  कोरोना  को लेकर राज्य सरकारों की पूरी मदद की जाएगी.  

बता दें, भारत में ओमिक्रॉन सब वेरिएंट BF.7 के अब तक चार मामले सामने आए हैं. इनमें से दो केस गुजरात से, 2 ओडिशा से हैं. ये ओमिक्रॉन सब वेरिएंट चीन, अमेरिका और ब्रिटेन समेत बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों में पहले ही पाया जा चुका है. कोरोना केस के मद्देनजर सरकार ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी है. मास्क गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है. साथ ही सरकार ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. भारत में इस सब वेरिएंट का जुलाई में एक,  सितंबर में दो और नवंबर में एक मामला मिला है. गुजरात सरकार का कहना है कि उनके यहां मिले दो मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया था और अब वो ठीक हो चुके हैं. केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वे अपने यहां के कोरोना पॉजिटिव केस का सैंपल केंद्र की एजेंसी के पास जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए जरूर भेंजे. कोरोना की नई चुनौतियों से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने टास्क गठित करने की घोषणा की है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार हालात का आकलन करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करेगी. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई कोविड समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि भारत में अभी तक कोविड मामलों की संख्या में समग्र वृद्धि नहीं हुई है. मौजूदा और उभरते वेरिएंट पर नज़र रखने के लिए लगातार निगरानी की जरूरत है. ओमिक्रॉन कोरोना वायरस का एक वेरिएंट है. इसके कई सब वेरिएंट हैं, जैसे- BA.1, BA.2, BA.5 वगैरह. ओमिक्रॉन का ऐसा ही एक लेटेस्ट सब वेरिएंट है BA.5.2.1.7 जिसे शॉर्ट में BF.7 कहा जा रहा है. BF.7 वेरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता. BF.7 की R0 वैल्यू 10 से 18.6 है. यानी इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. WHO के अधिकारियों का मानना है कि ये अब तक के सभी वेरिएंट में सबसे ज्यादा है. चीन में अचानक कोरोना संक्रमण फैलने के लिए BF.7 वेरिएंट सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये वेरिएंट इम्यून सिस्टम से बच निकलता है, संक्रमित होते ही व्यक्ति स्प्रेडर बन जाता है और तेजी से लोगों को संक्रमित करता है. 

 

Published at:22 Dec 2022 02:29 PM (IST)
Tags:THE NEWS POSTCORONA VIRUSCHINAINDIANARENDRA MODI
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