रांची (RANCHI): आज के इस भागदौड़ के जमाने में करियर, ऑफिस और आगे बढ़ने की होड़ युवाओं में इतनी अधिक हो गई है कि यूथ को बस आंखों के सामने सक्सेस की ही बात समझ आती है. परंतु समय के साथ बदलते शारीरिक और मानसिक जरूरतों को भी नकारा नहीं जा सकता. आमतौर पर शादी फिर बच्चे और उसपर परिवार की टोकाटोकी इन सबमें आजकल के युवा नहीं पड़ना चाहते. इसलिए महानगरीय जीवन शैली में लीव इन रिलेशनशिप अपना व्यापक पैर पसार रहा. ऐसा नहीं है कि लीव इन सिर्फ शारीरिक भूख की पूर्ति के लिए ही इस्तेमाल होता है. कई बार कपल एक दूसरे को समझने, जानने और अपनी म्यूचुअल अंडरस्टैन्डींग मजबूत करने के लिए भी लीव इन चुनते हैं. परंतु मुख्य रूप से ‘लीव इन’ सेक्स की जरूरतों को ही बिना किसी शर्त के पूरा करने के लिए होता है. आइए हम आपको बताते हैं शादी से दूर भागकर लोग लिव-इन रिलेशनशिप का ट्रेंड क्यों अपना रहे हैं.
शादी मे होते है बड़े नियम लीव इन की राह है आसान
जब कोई लड़का और लड़की बिना शादी किए एक ही घर में साथ-साथ पति-पत्नी की तरह रहने लगते हैं तो उसे लिव इन रिलेशनशिप के तौर पर जाना जाता है. इसका ट्रेंड्स बड़े शहरों में बहुत ज्यादा है. शादी एक पवित्र बंधन होता है. इसे निभाना इतना भी आसान नहीं जिनता लोग सोचते हैं और शायद इसलिए वह इस बंधन में बंधने से बचते हैं. इन दिनों बड़े-बड़े शहरों में लोग लिव-इन रिलेशनशिप को ज्यादा महत्व देते नज़र आ रहे हैं. जी हां पहला कारण है एक दूसरे की जिम्मेदारियों से मुक्ति. एक शादीशुदा कपल की तरह लिव-इन में रहने वालों के उपर किसी काम को करने का कोई प्रेशर नहीं होता है. वह टेंशन फ्री लाइफ जीने में ज्यादा विश्वास रखते हैं. दूसरा कारण है पैसों का हिसाब-किताब बराबर होना. जी हां बिल्कुल लिव-इन का एक फायदा यह भी है फाइनेंशियली टेंशन फ्री रहना. क्योंकि इसमें दोनों पार्टनर एख दूसरे पर डिपेंड नहीं रहते हैं. पैसों का हिसाब-किताब बराबर होता है. तीसरा कारण है, किसी अनजान शख्स के साथ पूरी जिंदगी गुजारने का सोचना भी थोड़ा अजीब तो ज़रूर लगता है लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद आप अपने पार्टनर को अच्छे से जान पाते हैं और फिर शादी करने का मजा ही कुछ और होता है, क्योंकि आप टेंशन फ्री होकर अपनी शादी को एंजॉय जो करते हैं. सबसे महत्वपूर्ण आजादी, जी हां, टीपीकल शादी में आपसे कई सवाल पूछे जाते है यह काम क्यों किया, कहां गए थे, किसके साथ गए थे, आदि. वहीं लिव-इन में आप इन सवालों के घेरे से बहुत दूर रहते हैं. आपको पूरी आजादी होती है कि आप जो मन में आए वह करे, जहां मन आए वहां जाए. यहां दोनों पार्टनर एक दूसरे के साथ ताल-मेल बनाकर चलते हैं और अगर उनकी ताल-मेल बैठ गई तो वह लिव-इन में रहते रहते ही शादी के बंधन में बंध जाते हैं, और एक पर्फेक्ट कपल बनकर सबके आइडल बन जाते हैं.
क्यों लीव इन को अधिक पसंद करते है लोग
ऐसा नही है की शादी का महत्व खत्म हो गया है परंतु करियर की प्रतीक्षा और समाज का बंधन सिर्फ युवाओ को नहीं बल्कि हर उम्र के लोग को लीव इन मे रहने को आकर्षित कर रहा. आधुनिक दौर में युवा शादी के बंधन में बंधने से पहले अच्छे से सेटल होना चाहता है. लेकिन हम हैं तो एक इंसान ही, हमारे शरीर की कुछ आवश्यकताएं हैं, जो पूरी होने की मांग करेंगी. इसे पूरा करने के लिए युवा लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगते हैं. लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल पर किसी भी तरह की सामाजिक या पारिवारिक जिम्मेदारियां नहीं होती हैं. इतना ही नहीं दोनों पार्टनर के बीच वित्तीय जिम्मेदारियां भी बंटी होती हैं. इसी वजह से युवा वर्ग बोझिल जिम्मेदारियों से किनारा पाने के लिए लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगते हैं. हमारा समाज अभी कुंठित विचारधारा से बाहर नहीं निकल पाया है. यदि कोई युवा किसी दुसरे जाति या धर्म के साथ वैवाहिक संबंध बनाना चाहे तो समाज उसे एक होने नहीं देता है. इसी जमाने के डर से युवा लिव इन में ही रहकर अपनी चाहत पूरा करते हुए सुकून से जीवन जीते हैं. उन्हें ये किसी भी प्रकार से गलत नहीं लगता है. लिव इन में रहने वाले कई युवा का यह मानना होता है कि वो एक-दूसरे को जानने के लिए साथ में रहते हैं. यदि साथ रहने का अनुभव सही नहीं रहा तो वो मूव ऑन कर लेंगे.
जानिए क्या है कानूनी मान्यता लीव इन को लेकर
समाज में लीव इन को बस सेक्स की पूर्ति का माध्यम ही माना जाता है परंतु इसको लेकर हमारे देश मे कुछ कानूनी मान्यताएं भी है. बता दें शादी से पहले एक लड़का और एक लड़की का अपनी स्वेच्छा से एक पति-पत्नी की तरह एक ही छत के नीचे रहना लिव-इन रिलेशनशिप कहलाता है. भारतीय कानून ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले प्रेमी जोड़ों पर भी कुछ नियम कानून लागू किया है जिनका इस्तेमाल कर वे धोखाधड़ी और समाज की मान्यताओं के विरुद्ध जाने वाली सभी मर्यादाओं से आसानी से बच सकते हैं. हालांकि, आजकल की युवा पीढ़ी ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के पीछे के अपने कई तर्क ढूंढ लिए हैं, लेकिन सामाजिक वास्तविकता तो कुछ और है. ऐसे में अगर आप भी अपने पार्टनर के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने का मन बना रहे हैं तो ये बातें आपके काम आ सकती हैं. लिव-इन रिलेशनशिप’ की ये बातें हर लड़के-लड़की को पता होनी चाहिये .
- अगर आप दोनों ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में एक कपल की तरह साथ रह रहे हैं, साथ खा रहे हैं या फिर साथ सो रहे हैं तो आप दोनों ही शादीशुदा माने जाएंगे. जी हां, ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में रहने वाले दो लोग कानून के हिसाब से शादीशुदा कंसिडर किए जाएंगे.
- अगर 'लिव-इन रिलेशनशिप’ में रहने के साथ-साथ आपकी पार्टनर प्रेग्नेंट हो जाती है और वो इस बच्चे को जन्म देना चाहती हैं तो वह बच्चा वैध माना जाएगा. एक शादीशुदा कपल की तरह उस बच्चे की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी उस जोड़े की ही होगी. यही नहीं, कन्या भ्रूण हत्या और गर्भपात से संबंधित सभी प्रावधान 'लिव-इन रिलेशनशिप’ में रहने वाले लोगों पर भी लागू होते हैं.
3. साथ में रह रहे कपल्स बच्चे पैदा तो कर सकते हैं, लेकिन किसी बच्चे को गोद लेने का अधिकार उनके पास नहीं हैं. यही नहीं, हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत लिव इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चे को वो सभी कानूनी अधिकार मिलते हैं, जो एक शादीशुदा कपल्स के बच्चे को मिलते हैं.
4. 'लिव-इन रिलेशनशिप' में अगर एक पार्टनर दूसरे पार्टनर को धोखा देता है तो यह एक दंडनीय अपराध माना जाता. पीड़ित अगर चाहे तो आईपीसी की धारा 497 के तहत मामला दर्ज कराकर उसे सजा दिला सकता है.
- 'लिव-इन रिलेशनशिप' में रहने वाले अगर दोनों पार्टनर कमाऊ हैं तो आपसी खर्चा उनकी ‘म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग’ पर आधारित होगा. यही नहीं अगर आप अपने पार्टनर से किसी वजह से अलग होती हैं और कुछ दिनों के लिए गुजरा भत्ता की मांग करती हैं तो यह केवल उसी स्थिति में दिया जाएगा जब आप रिलेशनशिप में रहने की बात को साबित कर दें.