रांची(RANCHI): झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंत्री आलमगीर को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने जैसे ही मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया अब सवाल हर किसी के पास है कि आखिर मंत्री का बांग्लादेश और बंगाल से क्या कनेक्शन है. और इनका पारिवारिक पृष्ठ भूमि कैसा है. मंत्री आलमगीर आलम पाकुड़ से चार बार विधायक बने है. विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मंत्री तक बने है.
आलमगीर आलम आलम पाकुड़ से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ते है. चार बार विधानसभा पहुंचे है. पहली बार वर्ष 2000 में विधायिका का चुनाव जीते थे. इसके बाद फिर 2004,2014 और 2019 में जीत कर विधानसभा पहुंचे. पिछली हेमन्त सरकार से लेकर चम्पाई सरकार में मंत्री का ताज मिला. साथ ही कांग्रेस विधायक दल के नेता भी आलमगीर को ही चुना गया है. पार्टी में एक साफ सुथरी छवि के नेता के रूप में इनकी पहचान होती है. अब जब ईडी ने गिरफ्तार किया है तो संभवत मंत्री पद भी हाथ से जा सकता है.
मंत्री आलमगीर आलम का पारिवारिक पृष्ठभूमि
मूल रूप से आलमगीर आलम साहिबगंज जिले के बरहरवा प्रखंड के इस्लामपुर के रहने वाले है. मंत्री आलमगीर आलम के पिता का नाम सानू इस्लाम है. जिनके चार बेटे है. जिसमें दूसरे नम्बर पर आलमगीर है. बड़ा भाई जहांगीर आलम बंगलादेश में रहता है. तीसरा भाई रसूल इस्लाम है. जो ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय के साथ साथ ठेकेदारी का काम करता है.
आलमगीर आलम की दो बेटी है. बड़ी बेटी खालिदा बीबी जिसकी शादी गांव के ही एक किसान परिवार में हुआ है. खालिदा के पति अलकनाम हुसैन है. मंत्री के दामाद खेती के साथ साथ अन्य कई काम करते है.वहीं दूसरी बेटी रशिदा बीबी है. जिनकी शादी बंगाल में हुई है. रशिदा के ससुराल के लोग शुरू से राजनीति से जुड़े हुए है. पति खलीलूर रहमान TMC से जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र के सांसद है.
मंत्री आलमगीर आलम के चौथे भाई स्वर्गीय अमीरुल आलम का एक दोस्त इस्तेखार आलम है. इसपर गौ तस्करी के कई आरोप है. बड़े पैमाने पर गौ तस्करी सिंडिकेट का संचालन इसके द्वारा किया जाता है. साथ ही जहांगीर आलम और इस्तेखार का तगड़ा कनेक्शन बताया जाता है. अब ईडी इस पहलू की भी जांच कर रही है. इससे साफ है कि जहांगीर आलम नाम का मंत्री के Ps सजीव का नौकर है. इसका लिंक तो मंत्री से ही जुड़ा हुआ है.
अब ईडी की जांच कैश लोक से शुरू हुई है. लेकिन इसकी जांच दूर तक जाने वाली है. ईडी बंगलादेशी घुसपैठियों से लेकर तस्करी और बाहर निवेश से संबंधित जांच करेगी. इसकी जांच में कई चीजें सामने आएगी. साथ ही अब बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर की जांच भी आगे बढ़ेगी. इस टेंडर मामले में कई अधिकारी ईडी का चक्कर लगाते दिखेंगे.
रिपोर्ट: समीर हुसैन