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पत्रकार ने भ्रष्टाचार मामले का किया उजागर तो पुलिसवालों ने ऐसे किया टॉर्चर, जब मामला पहुंचा हाईकोर्ट तो डीएसपी समेत 20 पुलिसवालों पर गिरी गाज 

पत्रकार ने भ्रष्टाचार मामले का किया उजागर तो पुलिसवालों ने ऐसे किया टॉर्चर, जब मामला पहुंचा हाईकोर्ट तो डीएसपी समेत 20 पुलिसवालों पर गिरी गाज 

TNP DESK- बिहार में पुलिस तंत्र की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है.  मधुबनी जिला के हरलाखी थाना क्षेत्र के फुलहर गांव निवासी पत्रकार हरि शम्भू की गिरफ्तारी और थाने में कथित अमानवीय व्यवहार का मामला अब माननीय पटना उच्च न्यायालय की चौखट तक पहुंच चुका है.

क्या है पूरा मामला

पत्रकार हरि शम्भू ने कुछ सप्ताह पूर्व हरलाखी थाना के एक पदाधिकारी द्वारा रिश्वत लेते हुए एक वीडियो सार्वजनिक किया था. इसी दिन यानी 20 जून की रात करीब 8 बजे, हरलाखी थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अनूप कुमार, अपर थानाध्यक्ष आदित्य कुमार, सहित करीब बीस पुलिसकर्मियों की टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना, बिना वारंट और बिना किसी दर्ज प्राथमिकी के पत्रकार को अवैध रूप से उनके घर से उठा लिया. परिजनों और चश्मदीदों का कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान पत्रकार की मां के साथ भी दुर्व्यवहार किया, जो मानवीय मर्यादाओं का घोर उल्लंघन है. पत्रकार को रातभर थाना में 22 घंटे तक हिरासत में रखा गया, जहां उनके साथ शारीरिक मारपीट, गाली-गलौज, और मानसिक उत्पीड़न किए जाने के गंभीर आरोप हैं.

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन जब्त कर लिया और कथित रूप से बंदूक की नोक पर जबरन उसका डाटा फॉर्मेट कराया गया ताकि रिश्वत से जुड़े डिजिटल साक्ष्य मिटाए जा सकें. थाने से रिहाई के बाद पत्रकार की हालत बिगड़ी और उन्हें मधुबनी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.चिकित्सकीय जांच में शरीर पर चोटों के निशान, सूजन, और मानसिक तनाव की पुष्टि हुई है, जो चिकित्सा रिपोर्ट में भी दर्ज है. इस पूरे प्रकरण की शिकायत बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार से की गई थी. जिसके बाद एएसआई प्रमोद कुमार और चौकीदार अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया. रिश्वत मामले में हरलाखी थाना में ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर भी दर्ज हुई. हालांकि, पत्रकार के साथ हुए टॉर्चर और दुर्व्यवहार के मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसी को लेकर पत्रकार हरि शम्भू ने अब माननीय पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. दायर याचिका में निवर्तमान डीएसपी निशिकांत भारती, थानाध्यक्ष अनूप कुमार, अपर थानाध्यक्ष आदित्य कुमार सहित बीस पुलिसकर्मियों को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में अवैध गिरफ्तारी, शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न, महिला के साथ दुर्व्यवहार, और डिजिटल साक्ष्य नष्ट करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

सोशल मीडिया पर पत्रकार के समर्थन में जोरदार मुहिम

इस घटना के सामने आने के बाद, सोशल मीडिया पर पत्रकार हरि शम्भू के समर्थन में जोरदार मुहिम चल रही है. आम जनता, सामाजिक संगठनों और पत्रकार बिरादरी द्वारा पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी आलोचना की जा रही है तथा निष्पक्ष न्यायिक जांच की पुरजोर मांग उठ रही है.

Published at:25 Jun 2025 04:01 AM (IST)
Tags:Bihar newsमधुबनी newsBihar policePatna High court journalist exposed the corruption caseArrest of journalist Hari Shambhuपत्रकार हरि शम्भू के साथ थाने में अमानवीय व्यवहार Bihar trending news
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