टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दो दिवसीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पहचान, सम्मान और सुधार का मंत्र दिया है. पीएम मोदी ने कहा है कि द वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ को अपना स्वर सेट करने की जरूरत है. सिस्टम और परिस्थितियों पर निर्भरता के दुष्चक्र को तोड़ने की जरुरत है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने इस वर्ष G20 की अध्यक्षता की शुरूआत की है. हमारा उद्देश्य वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ को बढ़ाना है. हमें दुनिया को एक बार फिर से सक्रिय करने के लिए प्रतिक्रिया, पहचान, सम्मान, सुधार के वैश्विक एजेंडे का आह्वान करना चाहिए.
शिखर सम्मेलन के पहले सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विकासशील देशों के नेताओं से कहा कि आपकी आवाज भारत की आवाज है और आपकी प्राथमिकताएं ही भारत की प्राथमिकताएं हैं. भारत पर विश्वास के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं. इस सम्मलेन में आपके द्वारा व्यक्त विचार वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के 8वें सत्र का मार्गदर्शन करेगा. हमारी एक ही प्रार्थना है कि ब्रह्मांड की सभी दिशाओं से अच्छे विचार हमारे पास आएं. यह ग्लोबल साउथ समिट हमारे सामूहिक भविष्य के लिए नेक विचार हासिल करने का एक सामूहिक प्रयास है. मैं आपके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक हूं.
21वीं सदी का वैश्विक विकास दक्षिण के देशों से- पीएम मोदी
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि विकासशील देशों के लिए मानव-केंद्रित विकास एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है. 20वीं शताब्दी में विकसित देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के चालक थे और इनमें से अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं आज सुस्त हो रही हैं. इस स्थिति में 21वीं सदी में वैश्विक विकास वैश्विक दक्षिण के देशों से ही होगा और अगर हम साथ मिलकर काम करें तो हम वैश्विक एजेंडा तय कर सकते हैं.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार