टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन और तेलंगाना के निर्माण के समय यह तय हुआ था कि आंध्र प्रदेश की राजधानी अगले 10 साल तक के लिए हैदराबाद रहेगी. उसके बाद नई राजधानी अमरावती होगी. लेकिन अचानक एक घोषणा होती है कि नई राजधानी विशाखापत्तनम होगी. इससे आंध्र प्रदेश के लोगों में जिज्ञासा देखी जा रही है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने यह घोषणा की है कि राज्य की अगली राजधानी विशाखापट्टनम होगी. 2014 में तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग हो जाने के बाद हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की साझा राजधानी घोषित किया गया था. यह भी तय हुआ था कि अमरावती 10 साल बाद आंध्र प्रदेश की राजधानी होगी.
2024 में राजधानी अमरावती में होनी थी शिफ्ट
साल 2020 में पिक्चर चली थी कि आंध्र प्रदेश की 3 राजधानियां होंगी. वाईएसआर कांग्रेस ने अंततः यह फैसला किया कि अमरावती ही राजधानी होगी यानी 2024 में राजधानी अमरावती में शिफ्ट हो जानी थी.
एक महत्वपूर्ण बात ये रही है कि वाईएसआर कांग्रेस तेलुगू देसम पार्टी पर अमरावती में बड़े पैमाने पर जमीन घोटाला करने का आरोप लगाया था. अमरावती में अलग-अलग लोकेशंस पर कई तरह के प्रोजेक्ट शुरू हो गए थे. जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग केंद्र सरकार से की थी. जबकि चंद्रबाबू नायडू ने इस तरह के आरोप को सिरे से खारिज किया था.
लोगों में जिज्ञासा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के ताजा ऐलान से आंध्र प्रदेश के लोगों में जिज्ञासा देखी जा रही है. उधर विशाखापट्टनम के लोग सरकार के इस निर्णय से काफी खुश दिख रहे हैं, वहीं अमरावती के लोगों में निराशा देखी जा रही है. प्रबुद्ध जनों का कहना है कि राजनीतिक कारणों से ऐसा निर्णय लिया गया है.