इंफाल - मणिपुर में नया राजनीतिक परिवर्तन हुआ है.यहां के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है.केंद्र के निर्देश पर वीरेंद्र सिंह ने आज शाम राज्यपाल अजय भल्ला को अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया.हिंसा से ग्रसित मणिपुर में सरकार के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो रहा था.भाजपा के कई विधायक और एन बीरेनसिंह से नाराज चल रहे थे. मणिपुर के मुख्यमंत्री पर हिंसा को रोकने में असफल रहने का आरोप है.पिछले 21 महीने से मणिपुर अशांत है.
मणिपुर में राजनीतिक हलचल के पीछे का कारण जानिए
उत्तर पूर्व का मणिपुर राज्य 3 मई 2023 से अशांत चल रहा है.जातीय अहिंसा की वजह से यहां पर सैकड़ो लोगों की मौत हो चुकी है.मणिपुर की हिंसा के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने माफी भी मानी थी. अपने इस्तीफा पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि मणिपुर की जनता की सेवा करने का सम्मान प्राप्त किया.मणिपुर में 10 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र को भी रद्द कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि बीरेन सिंह मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के कारण उनके ऊपर पद छोड़ने का दबाव था.एनडीए के सहयोगी दल नेशनल पीपुल्स पार्टी ने सरकार से समर्थन ले लिया था.बहुमत होने के कारण सरकार चलती रही.
हम बता दें कि मणिपुर में मैती समुदाय और कुकी समुदाय के बीच हिंसा मई 2023 से शुरू हुई जब मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्र संघ ने एक रैली आयोजित की जिसमें मैती समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था.इसके बाद राज्य में हिंसा का दौर शुरू हो गया.केंद्रीय बल को भी यहां शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए लगाया गया.इधर यह भी खतरा था कि कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की थी.यह आशंका जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री से नाराज भाजपा विधायक कांग्रेस के समर्थन में जा सकते हैं.इसलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व नेतृत्व परिवर्तन के लिए बाध्य हो गया.आज यानी रविवार को ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दिल्ली बुलाया गया था.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उनकी मुलाकात हुई.उसके बाद चार्टर प्लेन से एन बीरेन सिंह उत्तर पूर्व के प्रभारी सांसद संबित पात्रा के साथ इंफाल पहुंचे और शाम में राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अजय भल्ला को इस्तीफा पत्र सौंप दिया.अगली सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में एन बीरेन सिंह को अपने पद पर बने रहने को कहा गया है.यह समझा जा रहा है कि एनडीए के घटक दलों से सलाह मशविरा के बाद मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर निर्णय होगा.