☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Trending

कुवारी लड़कियों के बलिदान को दर्शाता है टूसू पर्व, पढ़ें झारखंड के आदिवासी इस दिन क्यों करते है मां टूसू की पूजा

कुवारी लड़कियों के बलिदान को दर्शाता है टूसू पर्व, पढ़ें झारखंड के आदिवासी इस दिन क्यों करते है मां टूसू की पूजा

टीएनपी डेस्क(TNP DESK):14 जनवरी को मकर संक्रांति  का त्यौहार मनाया जायेगा. जिसको लेकर पूरे देश में उत्साह देखा जा रहा है. मकर संक्रांति स्वास्थ्य, संस्कृति और ना जाने कई परंपरा को अपने अंदर समेटे हुए है. देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके और अलग-अलग नामों से इसे मनाया जाता है. एक तरफ जहां ,यूपी बिहार के लोग इसे खिचड़ी के नाम से मनाते हैं तो वहीं झारखंड में इसे टूसू पर्व के नाम से मनाया जाता है. वहीं साउथ के लोग पोंगल के नाम से इसे जानते हैं. इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व होता है. यूपी बिहार के लोग इस दिन गंगा स्नान करके दान पुण्य करते हैं. वहीं चूड़ा, गुड़ तिलकुट का सेवन करते हैं.

झारखंड के आदिवासी टूसू काफी धूमधाम से मनाते है

वहीं झारखंड की बात करें तो झारखंड के आदिवासी समुदाय के लोग इसे टुसू पर्व के नाम से मनाते हैं. टूसू आदिवासियों का एक बहुत ही बड़ा पर्व माना जाता है, एक महीने ही पहले ही मकर संक्रांति का उत्सव आदिवासी समुदाय में शुरु हो जाता है. कोल्हान प्रमंडल में सबसे अधिक हो आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, जो इस पर्व के बहाने अपनी बेटी के बलिदान को याद करते हैं. एक तरफ जहां यूपी बिहार में इस दिन चूड़ा और तिलकुट खाने की परंपरा है, तो वहीं आदिवासी समुदाय में इस दिन गुड़ पिठा, मसाला पिठा,मूढ़ी लड्डू तिल लड्डू के साथ नारियल लड्डू खाने का रिवाज है.आदिवासियों के टूसू पर्व मनाने के पीछे एक बहुत ही लंबी कहानी है.

पढ़ें झारखंड के आदिवासी इस दिन क्यों करते है मां टूसू की पूजा

वैसे तो हिंदू धर्म में बेटियों को मां, लक्ष्मी और दुर्गा का रूप माना जाता है, और नवरात्रि के दौरन उनको पूजा जाता है, लेकिन आदिवासी समुदाय में भी टूसू के दौरान कुवारी लड़किया टूसू मनी के बिलदान को याद करते हुए प्रतिमा स्थापित कर उसकी पूजा करती है.टूसू पर्व के प्रचलित कथा के अनुसार टूसूमनी नाम की एक गरीब कन्या गरीब किसान की सुंदर बेटी थी, जिसकी सुंदरता के चर्चें पूरे गांव में थी, जब राज्य के राजा तक उसकी खबर पहुंची, तो उसने टूसू मनी की आबरु लूटने की कोशिश की, दुराजचारी राजा से अपनी लाज बचाने के लिए टूसू मनी स्वर्णरेखा नदी में कूद गई, जिससे उसकी जान चली गई. आदिवासी समुदाय इसी के बिलदान की याद में टुसु मनी टुसु पर्व मनाते हैं.

सात दिनों तक खूब झूमते है लोग

टुसु पर्व का जश्न सात दिनों तक चलता हैज जिसमे मुख्य आकर्षणतीन दिनों का होता है.इस दौरान जगह जगह मेले का आयोजन किया जाता है.जहां लोग पारंपरिक परिधान पहनकर झूमते नाचते दिखाई देते है.वहीं कोल्हान के कुछ क्षेत्रों में इस दौरान मूर्गा लड़ाने की भी परंपरा है.टूसू पर्व के दौरन पारंपरिक गीत गाए जाते हैं, और लोगों का जश्न कई दिनों तक नहीं रुकता है.

Published at:13 Jan 2025 12:01 PM (IST)
Tags:tusu festivaltusu festival jharkhand tusu festival kolhan tusu festival in jamshedpur tusumani tusu maatribals of Jharkhand ho tribals of Jharkhand makar sankranti makar sankranti 2025 makar sankranti celebration makar sankranti celebration in jharkhand tilkut teel tusuart and culture art and culture news tredition of jharkhand jharhkandjharhkand news jharhkand news todayjamshedpurjamshedpur news jamshedpur news today
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.