रांची(RANCHI )- लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. कई राज्यों में इसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. झारखंड भी उनमें से एक है. झारखंड में विधानसभा का चुनाव भी होना है. इसलिए यहां हार के कारण का पता लगाना और इस समस्या के समाधान के लिए उपयुक्त कदम उठाने को लेकर भाजपा काफी चिंतित है.
विधानसभा चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की हुई नियुक्ति
झारखंड विधानसभा का चुनाव इसी साल नवंबर- दिसंबर में होना है. भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सक्रिय हो गई है. इधर लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं है. लोकसभा स्तरीय समीक्षा बैठक में कई स्थानों पर बवाल हुआ है. देवघर और दुमका इसके उदाहरण हैं. इधर भाजपा ने तेज-तर्रार नेताओं को झारखंड का दायित्व दिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव प्रभारी बनाया गया है. वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को सह प्रभारी बनाया गया है. शिवराज सिंह चौहान एक सफल राजनेता रहे हैं. सहज और सरल स्वभाव के शिवराज सिंह चौहान कार्यकर्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. झारखंड में लोकसभा चुनाव में उन्होंने कई स्थानों पर चुनाव प्रचार किया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया था. असम के मुख्यमंत्री फायर ब्रांड नेता के रूप में जाने जाते हैं. विधानसभा चुनाव में झारखंड में भाजपा को बहुत ही रणनीति के साथ काम करने की जरूरत है.इसलिए मजबूत नेताओं को यहां लगाया गया है.
आज दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक बाबूलाल से होगी पूछताछ
जिन राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है और भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, उसके लिए यह महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और झारखंड में विधानसभा के चुनाव जल्द होने हैं. दिल्ली में आज यानी 18 जून की रात होने वाली बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अलावा तीनों महामंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश के अलावा कई अन्य लोग शामिल होंगे. बाबूलाल मरांडी से आदिवासी आरक्षित लोकसभा सीटों पर हर के संबंध में पूरी जानकारी ली जाएगी. भाजपा इस बात को लेकर काफी चिंतित है कि झारखंड में लोकसभा चुनाव में पांच आदिवासी आरक्षित लोकसभा सीटों पर अच्छा प्रदर्शन नहीं हो पाया और एक भी सीट उसकी झोली में नहीं आई.
इधर झारखंड की नौ लोकसभा सीटों पर समीक्षा बैठक संपन्न हो चुकी है. इसकी रिपोर्ट भी इस बैठक में पेश की जाएगी. पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा. दिल्ली में आज होने वाली बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष भी शामिल होंगे. यह बैठक भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में झारखंड का प्रदर्शन खराब नहीं रहा है. पांच आदिवासी आरक्षित सीटों पर जीत भले नहीं हुई हो लेकिन वोट भी मिले हैं. लेकिन जो दृश्य देखने को मिला है समीक्षा बैठक में उससे तो यह लगता है कि पार्टी के अंदर बहुत कुछ कमी है और गुटबाजी भी एक बड़ा कारण हार की रही है. संगठन के लोगों ने भी ईमानदारी से मेहनत नहीं किया.