रांची(RANCHI): युवाओं के लिए सड़क पर तेज रफ्तार कार या बाइक चलाना एक स्टाइल हो गया है. सड़क नियमों को ताक पर रखकर नौजवान गाड़ी चलाने के काफी शौकीन होते जा रहे हैं. यही वजह है कि हर रोज सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है. बात अगर झारखंड की करें तो राज्य में परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में कुल 4728 सड़क हादसे हुए थे, जिसमें 3513 लोगों की जान चली गई थी. वहीं, विभाग की ओर से जारी साल 2022 के आंकड़ों के अनुसार, 5067 सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें 3703 लोगों की जान गई और 3678 लोग घायल हुए.
हादसों के पीछे तेज रफ्तार सबसे बड़ी वजह
सड़क हादसों में मौत की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार को बताया गया है. मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो 18 से 35 वर्ष के 41 फीसदी लोगों की मौत हुई है. वहीं, 18 साल से कम उम्र के सात फीसदी लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा 18 से 25 वर्ष के 18 फीसदी लोगों की मौत हुई है. वहीं, 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के चार फीसदी लोगों की मौत हुई है.
बिना हेल्मेट और सीट बेल्ट के सर्वाधिक हादसे
परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार एक्सीडेंट 79 प्रतिशत वैसे लोगों का होता है जो बिना हेलमेट के होते हैं. वहीं, 77 फीसदी हादसे बिना सीट बेल्ट लगाए लोगों की होती है. वहीं, ऐसे हादसों में लोगों को नुकसान होने का खतरा भी ज्यादा रहता है.
सड़क सुरक्षा के माध्यम से किया जायेगा जागरूक
बता दें कि विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जागरूकता अभियान में छात्रों से लेकर बड़े लोगों तक को नियमों के बारे में बताया गया. गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने से लेकर हेलमेट पहनने तक की सलाह दी गई. बावजूद इसके लोग सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं कर रहें हैं.