टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : दुनिया में आज भी कुछ ऐसे रहस्य है जिनको सुलझाया नहीं गया है. विज्ञान ने भी इन रहस्य को सुलझाने में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. इसपर करके अनुमान तो लगाई गए मगर इनका कोई सटीक जवाब नहीं मिला है. वैसे ही केदारेश्वर मंदिर का रहस्य आज के विज्ञान के लिए एक चुनौती की तरह है. या मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हरिश्चंद्रगढ़ किले पर स्थित है. यह एक ऐसा अद्भुत मंदिर है जो तकरीबन पिछले 5000 वर्षों से एक ही खंबे पर टिका हुआ है यानी इस मंदिर के चार पिलर में तीन पिलर टूट गए हैं और एक ही पिलर के सहारे यह मंदिर अब तक टिका है.
एक पिलर के सहारे मंदिर
मात्र एक पिलर पर टिके मंदिर को लेकर अब तक कोई भी संशोधन नहीं किया गया है कि आखिरकार ऐसा कैसे संभव है. क्योंकि इस स्तम्भ के चारो तरफ पानी भरा हुआ है इसके बावजूद ये एक ही पिलर के सहारे खड़ा है. वही लोगों की माने तो ऐसा माना जाता है कि यह स्तंभ के टूट जाने पर दुनिया समाप्त हो जाएगी और कलयुग का अंत हो जाएगा.

स्तंभ टूटने पर कलयुग का होगा अंत
इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि शुरुआती दौर में इसमें चार स्तंभ थे जो चार युगों का प्रतिनिधित्व करते थे. पहले सतयुग, दूसरा त्रेता युग, तीसरा द्वापर युग, और अंत में कलयुग. जैसे जैसे युगों का समापन होता गया वैसे-वैसे उनके संबंधित खंबे अपने आप ध्वस्त होते गए. अब सिर्फ कलयुग का प्रतिनिधित्व वहां पर बचा हुआ है ऐसे में मानना है कि जिस वक्त यह चौथा स्तंभ टूटेगा उसे वक्त कलयुग का अंत हो जाएगा. यानी कलयुग के समाप्ति के बाद आखिरी खंबा भी टूट कर गिर जाएगा.
जलाशय कुंड के पानी की अनोखी बात
इस मंदिर को लेकर और एक अनोखी बात है. पहाड़ियों और गुफा की भीतर होने के बावजूद इस मंदिर के बीचों बीच एक जलाशय कुंड है. खास बात तो यह है कि इस कुंड में वर्ष भर पानी भरा रहता है इतना ही नहीं सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस कुंड में गर्मियों के समय में यह पानी ठंडा रहता है वहीं ठंड के समय में यह पानी गर्म रहता है.
शिवलिंग अपने आप उठता है ऊपर
इस कुंड के बीचों बीच पांच फीट का शिवलिंग बना हुआ है शिवलिंग तक पहुंचने के लिए कमर तक पानी के जलाशय कुंड में उतर कर पर करना पड़ता है. इसमें एक और आश्चर्य करने वाली बात है कि बारिश के समय में जब शिवलिंग के आसपास का पानी ज्यादा भर जाता है तो शिवलिंग भी अपने आप ऊपर उठ जाता है. इस मंदिर को लेकर लोगों की आस्था काफी ज्यादा है. यहाँ दूर दूर से लोग दर्शन करने पहुंचते है.
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