टीएनपी डेस्क(TNP DESK): मां के बिना संसार की कल्पना करना भी महज एक छलावा है. एक मां से ही सृष्टि की शुरुआत होती है. और उसपर ही जाकर समाप्त भी होती है. किसी भी बच्चे के लिए उसकी मां का होना किसी वरदान से कम नहीं है. मां अपने बच्चे को 9 महीने तक पेट में पालती-पोसती है. और उसे हजारों दर्द को सहन करके बच्चे को जन्म देती है. और ताउम्र उसको निश्चल प्यार करती है. बिना किसी फायदे-नुकसान की चिंता किये.
हर साल मई की 14 तारीख को मनाया जाता है मदर्स डे
मां से प्यार को जताने के लिए वैसे तो कोई खास दिन नहीं हो सकता है. हर दिन ही मां के साथ आप अपने प्यार को जता सकते हैं. लेकिन फिर भी मां को खास महसूस कराने के लिए एक खास दिन बनाया गया है. जिसको मदर्स डे कहते हैं. इस दिन मां को स्पेशल फील कराया जाता है. जो हर साल मई महीने के 14 तारीख को मनाया जाता है. इस दिन बच्चे अपने मां के लिए सेलिब्रेट करते हैं. उन्हें अपने-अपने तरीके से खुश करने की कोशिश करते हैं.
लोग अपने-अपने तरीके से करते हैं मदर्स डे सेलिब्रेट
मदर्स डे के दिन खासतौर पर मां को उनके अथाह निश्चल प्यार, और सेवा के लिए धन्यवाद किया जाता है. मां जो हर दिन हमारे लिए खाना पकाती है, हमारे कपड़े धोती है, हमारे जीवन को ही अपना समझ लेती है. उसको महसूस कराया जाता है कि तुम हमारे जीवन में बहुत इंपॉर्टेंट हो. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे है जिसके जरिये आप इस मदर्स डे अपनी मां को स्पेशल फ़ील करा सकते हैं.
इन पांच तरीको से कर सकते है मां को इस्पेशल फील
1. मां को उसका पंसदीदा गिफ्ट दे कर करें खुश
2. बाहर रेस्टूंरेंट खाना खिलाने लेकर जायें
3. पूरा दिन उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेन्ड करें
4. कोई ऐसी ख्वाहिस जो अधूरी हो उसको पूरा कर सकते हैं.
5. किचन से छुट्टी देकर उनके लिए कुछ स्पेशल खाना बनाएं
1900 दशक में अमेरिका से हुई थी मदर्स डे की शुरुआत
मदर्स डे की शुरुआत 1900 के दशक में हुई थी. अमेरिका के वर्जीनिया में रहनेवाली अन्ना जार्विस ने अपनी मां की याद में मदर्स डे की कल्पना की थी. और मां के बच्चों के प्रति बलिदानों और सम्मान को जताने का एक तरीका खोज निकाला था. अन्ना जार्विस की मां की 1905 में मृत्यु हो गई थी. वो अपनी मां से बेइंतहा प्यार करती थी. जिसको खोने के बाद अपने आप को अकेला मानती थी. और हमेशा अपनी मां को याद करती रहती थी. एक दिन उनके मन में अपनी मां के प्रति प्यार को जताने का एक तरीका आया. जिस दिन से उन्होंने मदर्स डे की शुरुआत की. जिसके बाद पूरी दुनिया में इस दिन को लोग अपनी मां के लिए सेलिब्रेट करने लगे.
मां के एहसानों को चुकाना किसी के वश की बात नहीं
ये बिना किसी स्वार्थ के उम्र भर अपने लिए नहीं बल्कि अपने बच्चे के लिए ही जीती है. उसका जीवन अपने बच्चों के इर्द-गिर्द ही घूमता रहता है. दुनिया में एक मां ही होती है, जो बच्चों के खुश होने से हंसती है, और दुखी होने से रोती है. वैसे तो मां के एहसानों को चुकाना किसी के बस की बात नहीं है. लेकिन हम उनकी सेवा और उनके निस्वार्थ प्यार करके उनको खुश जरूर रख सकते हैं.
मां के सामने इंसान ही नहीं भगवान भी झुकते हैं
हमारे देश में सभी धर्मों के लोग रहते है. जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं और संस्कृति है. लेकिन हर धर्म में एक मां का ही रिश्ता ऐसा है. जिसमे कोई अंतर नहीं होता है. एक मां किसी भी बच्चे की पहली टीचर होती है. मान्यताओं के अनुसार लोग कहते है कि भगवान जब सृष्टि की रचना कर रहे थे. तो उनके मन में एक शंका थी कि हर किसी की रक्षा के लिए मैं उपस्थित नहीं रह सकता हूं. तब उन्होने मां की रचना की. ताकि हर किसी की रक्षा की चिंता भगवान को नहीं करना पड़े. भगवान भी अपनी पूजा से पहले मां की पूजा और सेवा करने का ज्ञान देते हैं. मां के सामने तो भगवान भी झुकते हैं.