टीएनपी डेस्क(TNP DESK): हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में आयी भारी गिरावट को देश के कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़े घोटाले की संज्ञा देते हुए कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने भाजपा से सवाल किया है कि इस घोटाले की जांच कर कौन रहा है? ना तो सीबीआई, ईडी और ना ही सेबी इसकी जांच कर रही है? आखिर यह माजरा क्या है?
जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि हम यह नहीं जानते कि यह घोटाला कितना बड़ा है, 5 लाख करोड़ या 10 लाख करोड़, लेकिन हम यह जानते हैं कि इसने हमारी अर्थव्यवस्था को संकट में डाल दिया है.
गुजरात से हुई इस घोटाले की शुरुआत, दांव पर है जनता की कमाई
मेवाणी ने कहा कि चूंकि इस घोटाले की शुरुआत गुजरात से हुई है, इसलिए कांग्रेसी कार्यकर्ता गुजरात के सभी जिलों में एलआईसी कार्यालय के बाहर विरोध प्रर्दशन करेंगे. यह जनता की कमाई थी, अड़ाणी समूह ने देश के सार्वजनिक बैंको से करीबन 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले रखा है, जबकि इसमें एलआईसी का 75,000 करोड़ रुपये का निवेश है, यह पैसा इस देश के मध्यम कमजोर वर्ग की कमाई है, उनका निवेश है, एलआईसी में करीबन 50 करोड़ लोगों ने निवेश कर रखा है, उनका पैसा दांव पर लगा है.
जांच से भाग क्यों रही है मोदी सरकार
लेकिन इतना होने के बावजूद भाजपा सरकार इस मामले में कोई जांच का आश्वासन नहीं दे रही है, जेपीसी जांच से भाग रही है, सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच को तैयार नहीं है, सीबीआई, ईडी और सेबी आज की तारीख में कोई भी संस्था इसकी जांच नहीं कर रही है. कारण साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी गौतम अडाणी के करीबी हैं, घनिष्ठ मित्र हैं,
अडाणी के बहाने मोदी पर तंज, कहा अडाणी के दोस्त हैं मोदी साहब
मोदी साहब उनके साथ भोजन करते हैं, विदेश का दौरा करते हैं. भाजपा इस बात का जवाब दें कि गौतम अडाणी के घर में सीबीआई, ईडी और सेबी कब जांच के जा रही है?
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार