टीएनपी डेस्क : Paris Olympics 2024 में 10 मीटर पिस्टल इवेंट में मनु भाकर ने भारत का नाम रोशन कर दिया है. शूटिंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गई हैं. वही, आज के 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मनु भाकर की भारतीय जोड़ी ने कोरिया को 16-10 से हरा कर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है. वहीं, इस ओलिंपिक के शूटिंग इवेंट दो दो मेडल जीत कर मनु भाकर ने इतिहास रच दिया है. मनु भाकर एक ओलिंपिक्स में दो दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं. मनु के अलावा अब तक कोई और भारतीय महिला शूटर ओलंपिक्स में मेडल नहीं जीत पाई हैं. लेकिन एक वक्त था जब भारत का नाम रोशन करने वाली मनु भाकर ने शूटिंग छोड़ने का इरादा कर लिया था.
शूटिंग को ही चुना अपना करियर
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु भाकर ने महज 14 साल में निशानेबाजी में अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया था. हालांकि, मनु ने निशानेबाजी से पहले टेनिस, स्केटिंग, मार्शल आर्ट् और मुक्केबाजी भी सिखा है. लेकिन साल 2016 के रियो ओलंपिक को देख मनु ने निशानेबाजी को ही चुना. जिसके बाद से मनु की लाइफ में नया बदलाव आया. जिसके बाद से मनु ने कड़ी मेहनत की. उनके पिता राम किशन भाकर ने मनु को भारत की नंबर वन शूटर बनाने में काफी मदद की.
राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में हीना सिद्धू को भी हरा चुकी हैं मनु
महज 15 दिनों की प्रैक्टिस में मनु ने स्टेट कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और पहले ही कॉम्पिटिशन में गोल्ड जीत लिया. अपनी कड़ी मेहनत और लगन से मनु भाकर ने साल 2017 में राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप (National Shooting Championship) में हिस्सा लिया. इस चैंपियनशिप में मनु ने 242.3 के स्कोर के साथ ओलंपियन और पूर्व विश्व नंबर-1 हीना सिद्धू को हरा दिया. साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल में 242.3 स्कोर कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया. यहां से मनु का मेडल जीतने का सफर शुरू हो गया. साल 2017 में ही मनु ने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता.
16 साल की उम्र में यूथ ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली मनु बनी भारत की पहली शूटर
नैशनल के बाद इंटरनेशनल स्टेज पर मनु ने अपना हुनर एशियन जूनियर चैंपियनशिप में दिखाया. महज 16 साल की उम्र में यूथ ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली मनु भारत की पहली निशानेबाज बन गईं. फिर साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मनु भाकर ने अपना नया रिकार्ड बनाते हुए वुमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद अपने दूसरे ISSF जूनियर विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया तो मिक्स्ड टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.
टोक्यो ओलिंपिक में फाइनल में क्वालीफाई नहीं होने के कारण लिया था शूटिंग छोड़ने का फैसला
लेकिन साल 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में 19 वर्षीय मनु को हार का सामना करना पड़ा. इस विषय में मनु के माता-पिता ने बताया कि, टोक्यो ओलिंपिक में मनु की पिस्टल ने धोखा दे दिया था. पहली सीरीज में मनु ने 98/100 स्कोर कर दूसरे स्थान पर रही थी. लेकिन दूसरे सीरीज में मनु की पिस्टल खराब हो गई. जब तक उनकी पिस्टल ठीक हुई तब तक वह 12 वीं स्थान पर आ गई थी और फाइनल क्वालीफाई नहीं कर पाई. टोक्यो ओलिंपिक में क्वालीफाई नहीं होने का असर मनु के मानसिक स्वास्थ्य पर दिखने लगा. एक बार को तो मनु ने निशानेबाजी छोड़ने का फैसला भी कर लिया था. मनु की मां ने बताया कि, मनु भाकर को पिस्टल से बहुत प्यार है वो ज्यादा दिन प्रैक्टिस से दूर नहीं रह पाई और वापस से अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी. हालांकि, वापस से नैशनल टीम में जगह बनाने के लिए मनु को काफी संघर्ष करना पड़ा.
तीन तीन इवेंट्स में भाग लेंगी मनु
मनु के कड़ी मेहनत और कठिन संघर्ष का ही नतीजा है कि, इस साल पेरिस ओलिंपिक में मनु ने दो दो मेडल अपने नाम किया है. साथ ही भारत के 21 शूटर्स में मनु भाकर इकलौती हैं जो तीन तीन इवेंट्स में भाग लेने वाली हैं. इन तीन इवेंट्स में 10 मीटर एयर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड और 25 मीटर पिस्टल इवेंट शामिल हैं. वहीं, मनु भाकर ने एक इंटरव्यू में कहा कि, मेरा सपना है कि ज्यादा नहीं लेकिन देश के लिए एक गोल्ड मेडल तो लेकर आऊं.