टीएनपी डेस्क: साल 2024 का आज अंतिम दिन है और कल से नए साल की शुरुआत हो जाएगी. लेकिन बीते सालों में जो घटनाएं घट चुकी है जो महत्वपूर्ण मुद्दे रहे उन सभी को जानने में लोग काफी एक्साइड होते हैं. ऐसे में आज हम सबसे पहले गूगल की बात करेंगे. गूगल ने इस साल के अंत में सबसे ज्यादा सर्च किए गए शब्दों की लिस्ट जारी की है. ऐसे में हम आज आपको बताएंगे कि झारखंड में साल 2024 के अंत में सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला और बोला जाने वाला शब्द कौन सा रहा.
झारखंड में साल 2024 के अंत में सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला शब्द
साल 2024 में गूगल पर झारखंड में सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला शब्द था "मंईयां सम्मान योजना". ऐसा शब्द जिसने i love u को भी फेल कर दिया. ऐसे लोग बोलते हैं कि आमतौर पर सबसे ज्यादा बोला जाने वाला शब्द आई लव यू ही होता है. लेकिन मंईयां सम्मान योजना ने इसे भी फेल कर दिया. झारखंड में आम हो या खास पक्ष हो या विपक्ष हर किसी के जुबान पर मंईयां सम्मान योजना का नाम छाया रहा .
क्यों चर्चा में रहा मंईयां सम्मान योजना
बता दे कि झारखंड में चुनाव से पहले झारखंड सरकार ने घोषणा की थी कि वह झारखंड की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना से झारखंड से बहन और बेटी स्वावलंबी बनेगी. हेमंत सरकार ने इस योजना के तहत 21 से 50 वर्ष तक की महिलाओं के खाते में हर महीने ₹1000 देने की बात कही. इसके बाद हेमंत सोरेन के कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मोहर लगी और बेटियों के खाते में पैसा जाना शुरू हो गया. लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव नजदीक आया हेमंत ने एक बार फिर से घोषणा की कि अगर झारखंड में उनकी सरकार बनेगी तो वह महिलाओं की राशि बढ़ाकर ₹2500 कर देंगे. इसके बाद झारखंड में विधानसभा का चुनाव हुआ और भारी बहुमत से हेमंत सोरेन की सरकार बनी. अपने किए वादे के मुताबिक हेमंत ने महिलाओं के खाते में₹2500 की राशि भेज दी. हालांकि राशि भेजने में थोड़ी देरी हुई जिसके कारण झारखंड में विपक्ष ने सरकार पर काफी प्रहार भी किया. मंईयां सम्मान योजना को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी मीम्स भी बने लेकिन फिर हेमंत सोरेन ने अपने किए वादे के मुताबिक महिलाओं के खाते में ₹2500 भेजने का काम किया. ऐसे में इस साल के अंत में झारखंड में सबसे ज़्यादा सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला और बोला जानेवाला शब्द मंईयां सम्मान योजना ही रहा.