टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद दोनों देशों के रिश्तें भी लहुलूहान हो गया. आज भी लद्दाख में भारत-चीन के सैनिक तैनात हैं. जहा सरहद पर हमेशा तनाव बना रहता है. चीन की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. उसकी चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसाने की शुरु से आदत रही है. हालांकि, दोनों देशों के बीच तनाव तो चरम पर है. इस बीच एक आशा की किरण दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में देखने को मिला . जब पीएम नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई है. इसका वीडियों में देखने को मिला, जिसमे पीएम मोदी और शी जिनपिंग आपस में अनौपचारिक बातचीत कर रहें हैं. दोनों ही नेता प्रेस को बयान जारी करने से पहले मंच पर जा रहे थे. उस दौरान रास्ते में पीएम मोदी शी जिनपिंग को कुछ समझाते हुए नजर आ रहे हैं. यही नहीं मंच पर दोनों नेताओं ने हाथ भी मिलाया. दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब अगले महीने जी-20 देशों का नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. हालांकि, इस शिखर सम्मेलन में जिनपिंग के हिस्सा लेने पर अभी संशय बना हुआ है.
भारत-चीन के संबंध में तनाव
भारत और चीन के बीच संबंधों में लद्दाख को लेकर तनाव बना हुआ है. दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को बहुत ही अहम घटना माना जा रहा है. भारत और चीन की सेनाओं के बीच 19 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं होता दिख रहा है. हाल में हुई ताजा बातचीत में दोनों सेनाओं के बीच सीमित वापसी पर सहमति बनी है. लेकिन, अभी इसको सर्वोच्च स्तर पर मंजूरी नहीं मिल पाई है. इससे पहले जी-20 के इंडोनेशिया में हुए शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच थोड़ी सी बातचीत हुई थी.
क्या दिल्ली आयेंगे जिनपिंग ?
जी-20 को लेकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नई दिल्ली आना है लेकिन अभी तक इसको लेकर औपचारिक ऐलान नहीं हो पाया है. सभी की नजर इस पर लगी हुई है कि क्या चीन के राष्ट्रपति इसमें शिरकत करने आयेंगे. इस दौरान दोनों देशों में ब्रिक्स के विस्तार को लेकर तनाव बना हुआ था. लेकिन, इसका हल हो गया है. ब्रिक्स में छह नये सदस्य देशों के शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि समूह का आधुनिकीकरण और विस्तार यह संदेश है कि सभी वैश्विक संस्थानों को बदलते दौर में खुद को बदलने की जरूरत है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्यों के रूप में शामिल करने से समूह को एक नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। आपको बता दे ब्रिक्स का सम्मेलन जोहानसबर्ग में तीन दिनों के लिए चल रहा है.