☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Trending

पेयजल विभाग में गबन मामले को लेकर विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा, कहा-जांच के नाम पर प्रभारी मंत्री को बचाने का हो रहा काम

पेयजल विभाग में गबन मामले को लेकर विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा, कहा-जांच के नाम पर प्रभारी मंत्री को बचाने का हो रहा काम

रांची (RANCHI) : झारखंड विधानसभा सत्र के सातवें दिन पेयजल विभाग में राशि के गबन का मामला गरमाया. सत्ता पक्ष के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अपने ही सरकार को घेरने का काम किया. प्रदीप यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि रांची और लोहरदगा में एलएनटी कंपनी को होने वाले बिल भुगतान कंपनी को ना कर रकम फर्जी खाते के माध्यम से मुख्य अभियंता कार्यपालक अभियंता और अन्य कर्मियों ने मिलकर आपस में बंदर बांट कर लिया. इसके साथ ही पूछा कि क्या मुख्य अभियंता प्रभात कुमार सिंह सहित दोषी अन्य अभियंताओं पर विभागीय कार्रवाई चलाने की स्वीकृति दी गई है?

इसके जवाब देते हुए पेयजल मंत्री ने बताया कि यह मामला रांची का है, लोहरदगा का नहीं. कैशियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वह जेल में है. चीफ इंजीनियर और आरोपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. आरोपी जेल में है. मामले की आगे की जांच एसीबी करे. इसके लिए विभाग को पत्र लिखा गया है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.

इस पर सत्ता पक्ष के स्टीफन मरांडी, रामेश्वर उरांव, मथुरा महतो और हेमलाल मुर्मू ने प्रदीप यादव का पक्ष लेते हुए कहा कि विभागीय जांच का मतलब लीपापोती करना है. इसलिए प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए, क्योंकि इस मामले में सिर्फ कैशियर संतोष कुमार पर कार्रवाई हुई है.

कहा कि जब प्रभारी मंत्री ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई तो प्रदीप यादव ने कहा कि ऐसी स्थिति में वे सदन में धरना पर बैठेंगे. प्रभारी मंत्री के रवैये से ऐसा लग रहा है कि वे खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी मंशा पर सवाल उठता है.

वहीं हेमलाल मुर्मू ने कहा कि कार्यपालक अभियंता के बिना कैशियर गबन नहीं कर सकता. वहीं इस मामले में रामेश्वर उरांव ने कहा कि कार्रवाई तीन तरह से पेश की जाती है. एक फंसाना, दूसरा डुबाना और तीसरा दूध का दूध और पानी का पानी अलग करना. उन्होंने कहा कि इस मामले में डुबाने का काम किया जा रहा है. इसका मतलब है अधिकारी को बचाना.

बहस को देखते हुए स्पीकर ने प्रभारी मंत्री से कहा कि एक ही प्रश्न पर 27 मिनट बीत गए हैं. इस पर निर्णय लें, नहीं तो सदन नियमन देगा. तब प्रभारी मंत्री ने कहा कि सात दिनों के अंदर कार्रवाई कर अवगत करा दिया जाएगा. इस पर प्रदीप यादव ने बस इतना अनुरोध किया कि इस प्रश्न को 7 दिनों के लिए स्थगित कर दिया जाए.

Published at:05 Mar 2025 02:56 PM (IST)
Tags:jharkhand budget sessionjharkhand budget session 2025jharkhand assembly budget sessionjharkhand budgetjharkhand vidhan sabha budget sessionjharkhand budget 2025budget session jharkhandbudget session of jharkhand assembly beginsbudget jharkhandbudget session 2025jharkhand newsjharkhand vidhan sabha budget session 2025budget sessionbudget session of jharkhandbudget jharkhand livejharkhand vidhan sabha budget session live
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.