मुजफ्फरपुर(MUZAFFARPUR): सामान्य तौर पर आदमी के मरने के बाद ही उसका श्राद्ध कर्म किया जाता है. पर मुजफ्फरपुर जिला के सकरा प्रखंड के भरतीपुर निवासी हरिश्चंद्र दास ने जीते जी अपना श्राद्धकर्म कर लिया है. इस घटना की चर्चा आस-पास के क्षेत्र में काफी जोरों पर है. पूरे मामले पर जब हरिश्चंद्र दास से पूछा गया तब उन्होंने बताया कि बचपन से ही कबीरपंथ से जुड़ गया था. एक भोज में शामिल होने के दौरान यह जानकारी मिली कि जिसका हम भोज खाने आए हैं वह जीवित है. उसी वक्त हमने फैसला कर लिया की बच्चे बाहर रहते हैं, मांस खाते हैं. इसलिए बेटे क्या करेंगे, यह हम नही जानते. मैं साधु आदमी अपना श्राद्ध खुद कर निश्चिंत हो गया हूं.
हरिश्चंद्र दास की पत्नी सुशीला देवी ने बताया कि पति के इस निर्णय से कोई दुखी नहीं है. परिवार के सभी लोग उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं.