टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- मणिपुर के वायरल वीडियों में जिस तरह आदिवासी बेटियों के साथ हैवानियत की इंतहा कर डाली गई. नग्न परेड कराया गया और उनकी अस्मत नोची गई. इससे पूरा देश लज्जीत महसूस कर रहा है. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी, कि उसमे से एक महिला के पति कारगिल में पाकिस्तान के साथ हुई जंग में योद्धा थे. लेकिन, उन रणबंकुरों औऱ देश की आन बान शान को सरहद पर बचाने वाले वीर की पत्नी की साथ ऐसी बेशर्मी और बेहदुगी की गई. जिसे कोई भी देखेंगा और सुनेगा तो शरमा जायेगा.
सैनिकों ने जताया अफसोस
कारगिल में लड़ाई लड़ने वाले सैनिक ने इस शर्मनाक घटना पर अफसोस जाहिर किया है . उनका कहना था जिनके पति ने देश की रक्षा की . लेकिन उसकी पत्नी को ही अपमानित होने से नहीं बचाया जा सका. इससे निराशाजनक और अफसोस की बात क्या हो सकती है. उस सैनिक ने आगे कहा कि पुलिस मौजूद थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी . वे चाहते है कि दोषियों के सख्त सजा मिले, जिन्होंने घर जलाए औऱ महिलाओं को अपमानित किया.
4 मई को हुई थी हैवानियत
पिछले ढाई महीने से मणिपुर हिंसा जल रहा . देश ही नहीं दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. मणिपुर में इंटरनेट बंद. आदिवासी बेटियों के नग्न परेड 4 मई को की गई थी. गुरुवार को जब वीडियों वायरल हुआ तो सभी सन्न रह गये.पूरा देश गुस्से से भर गया. प्रधानमंत्री को संसद सत्र से पहले बोलना पड़ा कि, यह देश के 140 करोड़ लोगों के लिए शर्मसार करने वाली घटना है. देश की सर्वोच्च अदालत तक को आगे आकर बोलना पड़ा कि, अगर कार्रवाई नहीं गई , तो फिर वो फिर खुद एक्शन लेंगे.
160 से अधिक लोगों की गई जान
पिछले ढाई महीने से मणिपुर हिंसा से लहुलुहान हो गया है. जातिय हिंसा ने 160 से अधिक लोगों की जान ले ली है. हजारो लोग अपने घर बार छोड़कर रिफ्युजी कैंप में रह रहें हैं. दरअसल, हिंसा की आग उस वक्त भड़की, जब मेतैई समुदाय ने कुकी समुदायके अनुसूचित जनजाति में शामिल होने की मांग का हिंसात्मक रुप से विरोध किया . कुकी समुदाय के लोगों ने भी आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला . जिसके विरोध में मेतैई समुदाय ने उनके घरों में आग तक लगा दी. इसके बाद से हिंसा का सिलसिला अभी तक जारी है . नफरत, दुश्मनी औऱ इंसान का इंसान के ही खून के प्यासे होने की ये कहानी मणिपुर में चलते ही जा रही है. जो अभी तक थमा नहीं है, पूरा देश मणिपुर में शांति के लौटने के इंतजार में है,