TNP DESK- हालांकि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ अब तक फूल फार्म में नहीं आया है. अभी उसके स्वरुप और संरचना को लेकर ही विचार मंथन का दौर चल रहा है. एक के बाद दूसरी बैठक की कवायद चल रही है. लेकिन विपक्षी दलों की इस तेवर से भाजपा की नींद उड़ती जरुर नजर आ रही है, और उसके काउंटर करने के तरीके खोजे जा रहे हैं. इंडिया के मुकाबले एनडीए के कुनबे को एक बार फिर से खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.
लेकिन अपने इसी शैशवकाल में ‘इंडिया’ के हाथ एक ज्वलंत मुद्दा हाथ लगा गया है. मणिपुर प्रकरण के बाद जिस प्रकार पूरे देश में सत्ता विरोधी लहर देखी जा रही है. अब उसकी कोशिश इस लहर पर सवार होकर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की चुनौतियों को और भी व्यापक बनाने की होगी. इसकी एक झलक विपक्षी दलों के द्वारा विभिन्न विधान सभाओं में उनके धरना प्रदर्शन से मिल रहा है. हर जगह से एक ही तस्वीर सामने आ रही है. विधान सभाओं के अन्दर से मणिपुर हिंसा से जुड़ी तख्तियां नजर आ रही है.
इस बीच खबर यह भी है कि राहुल गांधी के बाद अब सीएम नीतीश भी मणिपुर के दौरे पर जा सकते हैं. उनके साथ विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल भी हो सकता है. दावा किया जा रहा है विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया' के संयोजक पद की जिम्मेवारी संभालते ही इसकी घोषणा की जा सकती है, यह टीम मणिपुर हिंसा से जुड़ी सच्चाईयों को राष्ट्रीय मीडिया के सामने लाने का काम करेगी. साफ है कि अब विपक्ष की कोशिश मणिपुर हिंसा को सामने रख कर देश में दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के साथ आदिवासी समुदाय की व्यापक एकता को खड़ा करने की है. पिछले नौ वर्षों में सत्ता संचालन में उनकी अनदेखी को सामने लाने की है.
राहुल गांधी के बाद अब नीतीश की यात्र पर बवाल तय
ध्यान रहे कि जब पिछली बार राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया था. तब उनकी यात्रा को बाधित करने की कोशिश की गयी थी. भाजपा की ओर से इस बात का दावा किया गया था कि मणिपुर में राहुल गांधी का व्यापक विरोध हो रहा है. इसके कारण प्रशासन ने उनकी यात्रा पर रोक लगायी है. लेकिन इस दावे के उलट सोशल मीडिया राहुल गांधी के इंतजार में खड़े महिलाओं के हुजूम की तस्वीरों से भर गया था. जिसके बाद भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी. अब देखना होगा कि नीतीश के दौरे के बाद भाजपा क्या रणनीति अपनाती है.
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