रांची(RANCHI): बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आजकल गरीब सम्पर्क यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान वह बीच-बीच में नीतीश कुमार की नीतियों और सुशासन के दावों पर सवालिया निशान खड़े करते रहते हैं, अपनी यात्रा के पहले दिन उन्होंने यह कह कर राजनीतिक बंबडर पैदा कर दिया था कि सुशासन के काम जमीन पर दिखलायी नहीं पड़ते, और इसका कारण अधिकारियों की लूट है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा नीतीश कुमार ने बिहार में विकास तो जरुर किया है, लेकिन इन अधिकारियों की वजह से वह जमीन पर नहीं उतरा.
इशारों ही इशारों में तेजस्वी यादव पर तंज
इसके ठीक बाद अब उनका एक और बयान आया है, इस बार उनके निशाने पर राज्य के उप मुख्यमंत्री और कथित रुप से बिहार के भावी मुख्यमंत्री तेजस्वी हैं, उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि मेरा बेटा सन्तोष सुमन दूसरे कईयों से ज्यादा योग्य है, वह सीएम बनने के सबसे ज्यादा योग्य है. उन्होंने आगे कहा कि वह मुसहर समुदाय से आता है, सिर्फ यही बात नहीं है, बल्कि वह एक प्रोफेसर भी है, और वह दूसरे को बता सकता है कि पढ़ाई कैसे की जाती है, हालांकि अपने बयान में जीतन राम मांझी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर तेजस्वी यादव की ओर था.
जीतन राम मांझी के बयान से संतोष सुमन ने किया किनारा
हालांकि पिता जीतन राम मांझी के इस बयान से नीतीश सरकार में मंत्री सन्तोष सुमन ने किनारा कर लिया और कहा कि वह कहीं से भी सीएम पद के उम्मीदवार नहीं है, उनकी कोशिश सिर्फ जनता की सेवा करनी है.
बयान का निहितार्थ
लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि जीतनराम मांझी ने यह बयान क्यों दिया, इसकी तात्कालिक राजनीतिक परस्थितियों में क्या जरुरत थी. बहुत संभव है कि जीतन राम मांझी अपने बेटे के नाम को सीएम पद के लिए उछाल कर मुसहर मतदाताओं में एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रहे हों कि यदि हमारी एकजुटता बनी रही तो आने वाले दिनों में संतोष सुमन का सीएम बनना असंभव नहीं है.
मगध में मुसहर जाति की बड़ी आबादी
यहां बता दें कि यह बयान उनके द्वारा जहानाबाद में दिया गया है, जहानाबाद सहित पूरे मगध में मुसहर जाति का वोट दूसरे दलित जातियों की तुलना कहीं ज्यादा है, उनका यह बयान चिराग पासवान के लिए भी हो सकता है, जिनकी कोशिश अपने को एकलौता दलित नेता के रुप में पेश करने की रही है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार