टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : इस वक्त राजनीतिक गलियारों में जी-20 डिनर के निमंत्रण पत्र में इंडिया को हटाकर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे जाने पर विवाद काफी बढ़ गया है. आए दिन कांग्रेस, आप, राजद, टीएमसी और झामुमो समेत तमाम विपक्षी पार्टी के नेता केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे है. इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. जिसमें उन्होंने टीम इंडिया का नाम बदलकर टीम भारत रखने को कहा है. वीरेन्द्र सहवाग के इस बयान से राजनीति ही नहीं खेल जगत में भी इसकी चर्चा होने लगी है. कयास लगाए जा रहे है कि वीरेन्द्र सहवाग भी राजनीति में अब कदम रखने जा रहे है.
सोशल मीडिया एप पर वीरेंद्र सहवाग ने दिया बयान
दरअसल विश्वकप के लिए मंगलवार को भारतीय टीम का ऐलान किया गया था. टीम के ऐलान के बाद सोशन मीडिया एकांउट एक्स पर विरेन्द्र सहवाग ने लिखा कि टीम इंडिया नहीं टीम भारत लिखा जाना चाहिए और हमारे जर्सी पर भी भारत लिखा होना चाहिए. साथ ही उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह को भी टैग किया है. उनके इस बयान के बाद उनके सारे फैन्स काफी और राजनीतिक विशेषग्य यह सोचने पर मजबूर हो रहे है कि विरेन्द्र सहवाग अब राजनीति में एंट्री लेने वाले है. आपकों बता दें कि विरेन्द्र सहवाग जिस बेबाकी से बल्लेबाजी करते थे. उसी तरह वह बेबाकी से अपना बयान भी लोगों के सामने रखते है.
क्या वाकई वीरेंद्र सहवाग राजनीति में लेने वाले है एंट्री
I am not at all interested in politics. Have been approached by both major parties in the last two elections. My view is that most entertainers or sportsman should not enter politics as most are their for their own ego and hunger for power and barely spare genuine time for… https://t.co/wuodkpp6HT
— Virender Sehwag (@virendersehwag) September 5, 2023
आपकों बता दें कि वीरेन्द्र सहवाग ने टीम इंडिया का नाम भारत रखे जाने के तुरंत बाद एक और पोस्ट सोशन मीडिया पर शेयर किया था. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर राजनीति में आने से इनकार कर दिया है. उन्होंने अपने सोशन मीडिया पर लिखा कि ''मुझे राजनीति में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं है. पिछले दो चुनावों में दोनों प्रमुख पार्टियों ने उनसे संपर्क किया था. मेरा विचार है कि अधिकांश मनोरंजनकर्ताओं या खिलाड़ियों को राजनीति में प्रवेश नहीं करना चाहिए, क्योंकि अधिकांश लोग जो अपने अहंकार और सत्ता की भूख के लिए जाते हैं. ऐसे लोग आम लोगों के लिए मुश्किल से ही वास्तविक समय निकाल पाते हैं, कुछ अपवाद हैं. लेकिन आम तौर पर अधिकांश केवल पीआर करते हैं. मुझे क्रिकेट से जुड़ना और कमेंटरी करना पसंद है और अपनी सुविधानुसार अंशकालिक सांसद बनने की मैं कभी इच्छा नहीं रखता हूं.''