रांची (RANCHI): राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव के मामले के दोषी रंजीत सिंह कोहली की मां कौशल रानी और हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने दोनों दोषियों को आज बेल दे दिया है. बता दें कि कौशल रानी 10 साल औऱ मुश्ताक अहमद को सीबीआई कोर्ट ने 15 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि इस फैसले के बाद मुश्ताक और कोशल रानी ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई औऱ कोर्ट ने दोनों को बेल दे दिया है. यहां ध्यान रहे कि इस मामले में मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली को बेल नहीं मिली है. उन्हें रांची की सीबीआई कोर्ट से अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा दी गई है.
9 साल बाद कोर्ट ने दोषियों को मिली थी सजा
बता दें कि यह मामला 2014 में सुर्खियों में आया था.पहले झारखंड पुलिस ने इस मामले में जांच की बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद इसे सीबीआई ने 2015 में टेक ओवर कर लिया था. 2017 में तीनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाख़िल की गई थी. और अंत में 9 साल बाद दोषियों को कोर्ट ने सज़ा सुना दी. लव जिहाद के चर्चित इस मामले में आरोपी रकीबुल हसन उर्फ रंजीत,मुस्ताक अहमद और कौशल रानी को सज़ा सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाई है. रकीबुल उर्फ रंजीत को उम्रकैद की सजा मिली है. मुस्ताक अहमद को 15 साल और कौशल रानी को 10 साल की सजा सुनाई गई. अदालत ने तीनों आरोपी को आपराधिक साजिश रचने के साथ उत्पीड़न,धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के साथ शादी गलत तरीके से करने की धारा में दोषी माना है.
कैसे तारा और रंजीत उर्फ रकीबुल की मुलाकात हुई
बात 2014 की है जब तारा शाहदेव राष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग प्रतियोगिता में खूब नाम कमा रही थी. शूटिंग में बेहतर प्रदर्शन कर सके इसके लिए होटवार में स्तिथ प्रैक्टिस हॉल खूब मेहनत करती थी. इस दौरान प्रैक्टिस को देखने के लिए विजलेंस रजिस्टार मुस्ताक अहमद, धनबाद DSP, गढ़वा एसपी के साथ सुजीत सिंह और रंजीत कुमार उर्फ रकीबुल हसन पहुंचते थे. इस दौरान रंजीत ने तारा के दोस्तों के साथ दोस्ती बढ़ाई और तारा के करीब पहुंच गया. इस दौरान तारा और रंजीत के बीच गहरी दोस्ती हो गई. बाद में यह दोस्ती रिश्ते में बदल गयी.
14 जून 2014 को रंजीत से तारा को अपने घर डिनर पर बुलाया. दोनों ने साथ में खाना खाया और फिर खूब बाते हुई. धीरे धीरे दोनों काफी करीब आ गए. फिर ठीक दूसरे दिन मुस्ताक ने तारा को डिनर पर बुलाया. तारा फिर मुस्ताक के घर पहुंची. वहाँ रंजीत उर्फ रकीबुल पहले से ही मौजूद था. जैसे ही तारा पहुंची तो रंजीत ने उसे अंगूठी और कंगन गिफ्ट में दिया. साथ ही प्यार का इज़हार किया.और 20 तारीख को दोनों की सगाई की तिथि मुस्ताक की मौजूदगी में निर्धारित कर दी गयी. बाद में सात जुलाई को दोनों शादी के बंधन में बंध गए.यह शादी पांच सितारा होटल रेडिशन ब्लू में हुई थी.
शादी के ठीक बाद मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से इफ्तार पार्टी का आमंत्रण कार्ड रकीबुल हसन खान के नाम से आया. जिसके बाद तारा को शक हुआ. बाद में नौ जुलाई को रंजीत अपने साथ 20 से 25 मौलाना को लेकर घर पहुंचा और तारा शाहदेव पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. इसका विरोध जब तारा ने किया तो उसके साथ मारपीट की गई. तारा के मुताबिक धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर उसे कुत्तों से कटवाया गया. जब उसे लगा कि वह लव जिहाद के खेल में फस गई तब उसने कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया. और कोतवाली डीएसपी के सामने एक बयान दर्ज कराया. जिसके बाद जांच शुरू हुई.