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गाजियाबाद डॉग बाईट केस से लें सबक, बच्चों को बतायें ये बातें, जानें कैसे तड़पा-तड़पाकर मारता है रेबीज

गाजियाबाद डॉग बाईट केस से लें सबक, बच्चों को बतायें ये बातें, जानें कैसे तड़पा-तड़पाकर मारता है रेबीज

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कुछ दिनों पहले यूपी के गाजियाबाद से एक हृदय विदारक घटना सामने आई. जिसमें रेबीज इंफेक्शन से ग्रसित एक बच्चा जिसकी उम्र महज 14 साल थी, वो अपने पिता की गोद में तड़पता रहता है, लेकिन पिता कुछ भी नहीं कर पा रहा था. वो डॉक्टर पास ले जाने की कोशिश करता है और वो बेटे को बेबसी भरी नजरों से देखता है और रोता रहता है, क्योंकि वो कुछ भी नहीं कर सकता. उस बच्चों की आखिरकार मौत हो जाती है.  वो भी इसलिए क्योंकि उसे बच्चों को डेढ़ महीने पहले एक कुत्ते ने काटा था, लेकिन अपने माता-पि ता के डर से उस बच्चों ने कुछ भी नहीं बताया था और छुपा कर रखा था. जिसकी वजह से डेढ़ महीने बाद रेबीज ने अपना असर दिखाना शुरु किया. और ईलाज में देरी होने की वजह से बच्चे की जान चली गई.

गाजियाबाद डॉग बाईट केस से लें सबक

घटना के बाद हम सभी लोगों को जागरूक करना चाहते हैं कि कभी भी इस तरह के बात को अपने बच्चों से डिस्कस करें और उनसे ये बताएं कि यदि तुम्हारे साथ ऐसा कुछ होता है तो बिना डरे हमें आकर बताओ. हम तुम्हें कुछ नहीं करेंगे और उसका इलाज करायेंगे, उन्हें ये बताएं यदि कि  वो इस बात को छुपाएंगे तो वो इस दुनिया से जा सकते हैं.

दुनिया में रेबीज से 90% मौतें कुत्ते के काटने से ही होती है

आपको बता दें कि रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी कुत्ते, बिल्ली या बंदर के काटने या खुरचने की वजह से होती है. जिसमें दुनिया में रेबीज से 90% मौतें कुत्ते के काटने से ही होती है. इनमें से 40% संक्रमित 15 साल से कम उम्र के बच्चे ही होते हैं, क्योंकि बच्चे पेरेंट्स के डर से इस बात को छुपा लेते हैं, और बाद में जब रेबीज  असर दिखना शुरू करता है, तो उनकी मौत हो जाती है. वहीं आपको बता दें कि रेबीज एक वायरस संक्रमण है.

रेबीज के संक्रमण में 72 घंटे में इंजेक्शन लगवाना बहुत ही जरूरी

वहीं डॉक्टरों की माने तो रेबीज के संक्रमण में 72 घंटे में इंजेक्शन लगवाना बहुत ही जरूरी होता है, वरना दवा अपना असर नहीं दिखाती है. वहीं एंटी रेबीज के चार इंजेक्शन लगावाने पड़ते है. जिसमे पहला इंजेक्शन कुत्ते के काटने के तुरंत बाद, दूसरा तीसरे दिन, तीसरा सातवें दिन और चौथा इंजेक्शन 28वें दिन लगवाना होता है. वहीं रेबीज का वायरस पूरी दुनिया में हर 10 मिनट में एक व्यक्ति की जान ले लेता है. लेकिन आज तक मेडिकल साइंस इसका ईलाज नहीं ढूंढ पाया है.

कैसे समझेंगे कि ये रेबिज के लक्षण है

जब भी किसी इंसान में रेबीज का इंफेक्शन फैलता है, तो इसको आप कैसे समझेंगे कि ये रेबिज के लक्षण है, तो हम आपको बता दें कि लोग अजीबो गरीब कुत्ते जैसी आवाज निकालना शुरु कर देते है, इसके साथ ही हवा, पानी और रोशनी से डरने लगते हैं, और  अंधेरे में रहना पसंद करते है.

Published at:08 Sep 2023 06:01 PM (IST)
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