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"टू फिंगर टेस्ट" पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, जानिए क्या है टू फिंगर टेस्ट और रोक लगने की वजह 

"टू फिंगर टेस्ट" पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, जानिए क्या है टू फिंगर टेस्ट और रोक लगने की वजह 

टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. दुष्कर्म के मामले में महिलाओं पर किए जाने वाले टू फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सोमवार (31 October) को लिया. अब दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के मेडिकल जांच के दौरान उन पर टू फिंगर टेस्ट नहीं किया जाएगा. इस फैसले के बाद भी ऐसा करने वालों को कदाचार के तहत दोषी माना जाएगा. 

स्वास्थ्य मंत्रालय को र्निदेश

सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश जारी किया है कि विभाग सुनिश्चित करें कि यौन उत्पीड़न और पीड़िता पर टू फिंगर टेस्ट ना हो. बता दें कि  जस्टिस डीवाई चंद्रचुूद और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने ये फैसला लिया है. इन्होंने फैसले में दुष्कर्म के एक मामले में दोषसिद्धि बहाल करते हुए खेद जताया. 

झारखंड के इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में चल रही थी सुनवाई 

साल 2006 में आरोपी शैलेंद्र कुमार राय के खिलाफ झारखंड में रेप और हत्या का मामला दर्ज हुआ था. जिसमें सोशल कोर्ट ने उसे हत्या और रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने 2018 में उसे बरी कर दिया था. जिसके बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. 

क्या है टू फिंगर टेस्ट 

टू फिंगर टेस्ट (two fingure test) टेस्ट में डॉक्टर किसी महिला के प्राइवेट पार्ट में दो उंगलियां डालकर उसकी वर्जिनिटी टेस्ट करता है. इस टेस्ट में पता चलता है कि महिला सेक्सुअली एक्टिव है या नहीं. इस टेस्ट को दुष्कर्म पीड़िता पर किया जाता था क्योंकि ऐसा कहा गया कि सहमति के साथ बनाये गये यौन संबंधों में हाइमन लचीलेपन की वजह से टूटता नहीं है, जबकि जबरन बलात्कार करने से यह टूट जाता है.

Published at:01 Nov 2022 01:14 PM (IST)
Tags:Supreme Court ban on "two finger testsupreme court judgement on two fingure testwhat is two fingure testrape victim two fingure testban on two fingure testthe news post
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