टीएनपी डेस्क (TNP DESK): आत्महत्या यानी सुसाइड के मामले पूरे विश्व में बढ़ रहे हैं. इस पर चिंता जताई जा रही है. किसी ना किसी कारण से इस तरह की प्रति लोगों में पनप रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर चिंता जताई है.
भारत में सुसाइड के मामले
सुसाइड के मामले में भारत भी पीछे नहीं है. नामी-गिरामी लोग हो या फिर सामान्य व्यक्ति विभिन्न कारणों से सुसाइड करने की ओर प्रवृत्त हो रहा है. भारत में भी यह आंकड़ा चिंता देने वाला है. बताया जा रहा है कि 1 लाख लोगों में से 12.6 प्रतिशत पुरुष सुसाइड करने से भरते हैं. जबकि 5.4 महिलाएं सुसाइड करती हैं.
चौका देंगे एनसीआरबी के आंकड़ों
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2021 में 1,64,033 लोगों ने खुदकुशी कर अपनी जान दी. इनमें 73% पुरुष हैं. सामान्य रूप से यह देखा जा रहा है कि आर्थिक तंगी की वजह से लोग सुसाइड करते हैं. दूसरी बड़ी वजह पारिवारिक कलह बताई गई है. तीसरी बड़ी वजह प्रेम प्रसंग के मामले आते हैं. चौथी बड़ी वजह जीवन में किसी भी क्षेत्र में असफलता बताई गई है.
परिवार को करना चाहिए गौर
मनोचिकित्सकों का कहना है कि सुसाइडल टेंडेंसी पर परिवार के लोगों को गौर करना चाहिए. ऐसे लोग कुछ समय से किसी न किसी वजह से चिंतित रहते हैं और अलग-थलग रहने का प्रयास करते हैं. ऐसे लोगों को काउंसिलिंग की जरूरत है. आत्महत्या जैसी बीमारी को रोकने में परिवार और समाज की बड़ी भूमिका है.