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बिहार का ऐसा मंदिर जिसको सजाने के लिए मलेशिया,थाईलैंड से मंगाये जाते हैं फूल, कोलकाता के कारीगर करते हैं सजावट

बिहार का ऐसा मंदिर जिसको सजाने के लिए मलेशिया,थाईलैंड से मंगाये जाते हैं फूल, कोलकाता के कारीगर करते हैं सजावट

कैमूर(KAIMUR): कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के पवरा पहाड़ी पर स्थित मां मुंडेश्वरी धाम में दर्शन पूजन को लेकर नवरात्रि के पहले दिन भारी भीड़ दिखाई दी. सुरक्षा को लेकर पुलिस बल और मजिस्ट्रेट के साथ मंदिर प्रशासन की टीम भी दिखाई दी. जिससे की जाम की समस्या से श्रद्धालुओं को ना गुजरना पड़े. सुरक्षा को लेकर 15 चेकप्वाइंट बनाया गया है. जगह-जगह सीसीटीवी लगाये गये है और हेल्पलाइन सेंटर भी बनाया गया है. यह मंदिर पवरा पहाड़ी पर 600 फीट की ऊंचाई पर है.

यहां अद्भुत तरीके से दी जाती है बकरे की बली

यह विश्व का प्राचीनतम मंदिर बताया जा रहा है. यहां बकरे की बली अद्भुत होती है. बकरे को काटा नहीं जाता बल्कि अक्षत फूल मारकर बलि दी जाती है. ऐसा अनोखा बल्कि पूरे विश्व में कहीं नहीं है. मंदिर श्री यंत्र के आकार का अष्ट कोडिय है. मां वाराही रूप में विराजमान है. जिनका वाहन महीश है.मंदिर के मुख्य भाग में पंचमुखी शिवलिंग स्थापित हैं. कहा जाता है कि सूर्य की स्थिति के साथ शिव के पत्थर का रंग बदलता है. विदेश से लोग यहां पर दर्शन पूजन के लिए आते हैं.

मंदिर को सजाने के लिए थाईलैंड और बैंकॉक से मंगाये जाते है फूल

नवरात्रि में सप्तमी अष्टमी और नवमी को निशा पूजा के लिए मंदिर सजाने के लिए विदेश (थाईलैंड और बैंकॉक )से फूल मंगाए जाते हैं. मां मुंडेश्वरी धार्मिक न्यास परिषद के सचिव अशोक सिंह बताते हैं कि देश का सबसे प्राचीनतम मंदिरों में इनकी गिनती होती है. सुबह से ही हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं, 526 ईसा पूर्व यह मंदिर विराजमान था. मुंड राक्षस को यहां पर मां ने वध किया था. जिस कारण मुंडेश्वरी नाम पड़ा. सप्तमी अष्टमी और नवमी को हम लोग मां का भव्य सजावट करते हैं.जिसके लिए थाइलैंड और बैंकॉक से सजावट के लिए फूल मंगाया जाता है. 10 सालों से हम लोग विदेश के फूल मंगा रहे हैं, सभी जगह सीसीटीवी कैमरा लगा है .श्रद्धालु गुड्डू सिंह ने बताया कि हम लोग बचपन से ही यहां पर आते हैं यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है. नवरात्रि के पहले दिन भारी भीड़ यहां पर होता है. यहां के पशु बलि विश्व विख्यात है जहां पशुओं को बिना काटे बली दिया जाता है.

निशा पूजा के दिन मंदिर की भव्यता और दिव्यता देखने लायक होती है

कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड स्थित पवरा पहाड़ी पर विराजमान माता मुंडेश्वरी का मंदिर नवरात्रि में निशा पूजा के दिन मंदिर की भव्यता और दिव्यता देखने लायक होती है.माता मुंडेश्वरी मंदिर के प्रधान पुजारी उमेश प्रसाद मिश्रा ने बताया कि निशा पूजा की विशेष महत्व होती है रात्रि में विशेष पूजा अष्टमी को होता है,इस दिन 24 घंटे मंदिर खुला रहता है यहां रात्रि जागरण और जप करते हैं लोग साथ ही मन्नते भी मांगते हैं. नागेश दुबे बताते हैं कि मैं और मेरा छोटा भाई इस फूल को मलेशिया और थाईलैंड से मंगाते हैं. साथ ही साउथ इंडिया से भी फूल आता है, और इसे सजाने के लिए बंगाल से कारीगर बुलाए जाते हैं.

Published at:06 Apr 2025 05:03 AM (IST)
Tags:Art and culture Dharam Astha Mahamadleswari temple kaimur Mahamadleswari temple Trending news Bihar Bihar news Bihar news today Kaimur Kaimur newsKaimur news today
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