दुमका(DUMKA):वर्ष 2000 में बिहार से अलग झारखंड राज्य बना.राज्य गठन के पहले से लेकर अब तक प्रदेश की सियासत सोरेन परिवार के इर्द गिर्द घूमती रही है. जिसकी धुरी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन रहे हैं. 8 बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके झारखंड की राजनीति के दिग्गज दिसोम गुरु शीबू सोरेन फिलहाल राज्य सभा सदस्य हैं. बढ़ती उम्र और शारीरिक अस्वस्थता की वजह से इस बार वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, इसके बाबजूद चुनावी गतिविधि को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. चुनाव शिबू सोरेन की दो पुत्रवधु सीता सोरेन और कल्पना सोरेन लड़ रही है और चर्चा शिबू सोरेन की हो रही है.
चुनावी मंच पर गुरु जी की मौजूदगी के महत्व से वाकिफ है जेठानी और देवरानी
दरअसल शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधु सीता सोरेन ने पार्टी और परिवार से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी ने सीता सोरेन को दुमका लोकसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाकर दंगल में उतार दिया. उधर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सक्रिय राजनीति में उतर गई और गांडेय विधानसभा के उप चुनाव में झामुमो प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ रही है.चुनावी दंगल में झमुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के चहरे की अहमियत से पूरा राज्य वाकिफ है. इस स्थिति में दोनों बहुएं भला कैसे इस सच्चाई से अनजान रह सकती है.
पार्टी और परिवार से बगावत के बाबजूद गुरुजी के प्रति सीता के दिल मे है सम्मान
सीता सोरेन पार्टी और परिवार से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया है, देवर और देवरानी पर आरोपों की झड़ी लगा रही है, इसके बाबजूद हर मंच से उन्होंने शिबू सोरेन को सम्मान दिया है. सीता को भी पता है कि वर्तमान परिस्थिति में शिबू सोरेन उनके साथ मंच पर मौजूद नहीं रह सकते लेकिन देवरानी कल्पना सोरेन के साथ मंच पर शिबू सोरेन की मौजूदगी को वो बर्दास्त नहीं कर सकती, तभी तो सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक सीता सोरेन गुरुजी की स्वास्थ्य का हवाला देकर कल्पना सोरेन पर हमलावर नजर आ रही है.
गांडेय में कल्पना के साथ मंच पर गुरु जी को देख कर आग बबूला हुई सीता
3 दिन पूर्व कल्पना सोरेन ने गांडेय विधान सभा उपचुनाव में झमुमो प्रत्याशी के तौर पर नॉमिनेशन किया. नॉमिनेशन के बाद आयोजित जनसभा में मंच पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन भी मौजूद रहे.मंच पर शिबू सोरेन की मौजूदगी देख सीता सोरेन ने कल्पना सोरेन पर हमला बोल दिया.सीता ने सोशल साइट X पर लिखा:- कल्पना सोरेन सत्ता के लोभ में इतनी खो गई हैं कि उन्हें बाबा की जान की फिक्र ही नहीं है. इस चिलचिलाती धूप में तबीयत खराब होने के बावजूद भी बाबा को आराम नहीं करने दिया जा रहा है, इनको तो बस सत्ता चाहिए चाहे किसी भी हद तक क्यों न जाना पड़े. इतना ही नहीं दुमका में जनसंपर्क अभियान के दौरान भी सीता सोरेन इस मामले को प्रमुखता से रख रही है.
सीता के साथ उनकी बेटी जयश्री सोरेन ने भी बोला हमला
सीता सोरेन के नक्शे कदम पर चलते हुए उनकी बेटी जयश्री सोरेन ने X पर लिखा:- मेरे दादाजी दिसोम गुरु श्री शिबू सोरेन को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हैं, जिन्हें नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए.यदि इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई तो दोषी यह लोग ही होंगे.
चुनावी महाभारत में भीष्म पितामह की भूमिका में नजर आ रहे है गुरुजी!
यहां सवाल उठता है कि क्या सचमुच इस चुनावी महाभारत में दिसोम गुरु शिबू सोरेन भीष्म पितामह की भूमिका में आ गए हैं,क्योंकि सीता सोरेन स्पष्ट कर चुकी है कि पार्टी और परिवार में गुरुजी का कुछ भी नहीं चलता है.यदि चलता तो उन्हें पार्टी छोड़ने की नौबत नहीं आती. सीता भी जानती है कि बदले राजनीतिक हालात में उनके साथ मंच पर गुरुजी की मौजूदगी संभव नहीं है, तभी तो वे गुरुजी का नाम भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
रिपोर्ट-पंचम झा