टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले और बेहद ही तजुर्बेकार शरद पवार एक मंजे हुए नेता है. इस बीच उनकी पार्टी एनसीपी में दो फाड़, भतीजे अजीत पवार के चलते हो गयी. सियासत के सिकंदर माने जाने वाले पवार को उम्र की इस दहलीज पर अचानक तगड़ा झटका लगा. महाराष्ट्र में रुतबा रखने वाली पार्टी एनसीपी किसकी है, अभी भी इस पर संकट छाया हुआ है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शरद पवार को लेकर बयान दिया. उनका कहना था कि पवार एनसीपी छोड़ने वाले नेताओं को बख्शने वाले नहीं हैं. उनके खिलाफ वे गुरिल्ला युद्ध की रणनीति के तहत काम कर रहें हैं.
बीजेपी पर बरसे राउत
इस दौरान संजय राउत ने बातों-बातों में भाजपा पर भी जमकर भड़ास निकाली औऱ कहा कि बीजेपी के खिलाफ उनकी पार्टी युद्ध के मैदान में लड़ रही है. शरद पवार भी आगे एनसीपी छोड़ने वाले नेताओं के खिलाफ गुरील्ला युद्ध की रणनीति अपनायेंगे. राउत ने दावा किया कि बीजेपी से पवार नहीं जुड़ेंगे. वे इंडिया गठबंधन और महाविकास अघाड़ी के महत्वपूर्ण नेता और चेहरा है.
2 जुलाई को एनसीपी में बगावत
पिछले 2 जुलाई को एनसीपी दो फाड़ हो गयी थी. अजीत और उनके करीबी विधायकों ने बगावत कर भाजपा और शिंदे सरकार में शामिल हो गये थे . अजीत ने इस सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गये. भतीजे की इस करवट से , राजनीति के चाणक्य शरद पवार को गहरा झटका लगा. उन्होनें ने भी इस तोड़फोड़ का बदला लेने की बात कही औऱ बागियों के खिलाफ जंग का एलान कर दिया.
शरद पवार का अपने बयान से पलटी
कुछ दिन पहले शरद पवार ये दावा करते हुए नजर आए थे कि उनकी पार्टी में विभाजन नहीं हुआ है. अजीत पवार पार्टी के नेता है. उनके इस बयान से सियासत में गर्माहट ला दी . ऐसा लगा कि एनडीए का हिस्सा शरद होने वाले हैं. हालांकि, बाद में शरद पवार ने अपने ही बयान से पलटी मार दी.उनका कहना था कि ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं. फिलहाल, चाणक्य के इस बयान को लेकर चर्चाएं और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहें है. आखिर शरद पवार के मन में क्या चल रहा है. इसे लेकर इंडिया और एनडीए दोनों की नजरें लगी हैं.