टीएनपी डेस्क: अगर आप बेरोजगार हैं और ऑनलाइन नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो फिर जरा संभल कर. क्योंकि, ऑनलाइन नौकरी की तलाश आपके लिए गरीबी में आंटा गीला करना जैसा हो सकता है. जी हां, सही पढ़ा. आजकल हो रहे साइबर ठगों (Cyber frauds) से आप अनजान तो नहीं ही होंगे. हर दिन कहीं न कहीं से आप लाखों-करोड़ों की ठगी होने के बारे में तो सुनते ही होंगे. डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) तो न जाने किन किन तरीकों से ठग लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. या यूं कहे की उनकी मजबूरीयों व डर का फायदा उठा रहे हैं. ठग लोगों को इस कदर डरा रहे हैं की लोग उनके झांसे में आकर अपना सब कुछ लूटाने को तैयार हो जा रहे हैं. ऐसे में अब इन ठगों की नजर ऑनलाइन नौकरी की तलाश करने वालों पर है.
इस टेक्नोलॉजी के जमाने में ऐसे कई साइट्स निकल गए हैं जहां कोई भी अपने हिसाब से नौकरी खोज सकता है. LinkedIn से लेकर naukri.com जैसे कई साइट्स हैं जहां आसानी से कोई भी अपने हिसाब का जॉब ढूंढ सकता है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी कई कंपनियां अपने यहां खाली पड़े वैकेंसी के बारे में पोस्ट करती है. जिसे देखकर जरुरतमंद नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन अब ये चीजें सिर्फ कंपनी और नौकरी तलाश करने वालों तक ही नहीं सीमित रह गई है. साइबर ठग अब इस चीज का ज्यादा फायदा उठा रहे हैं.
हालिया मामले की बात करें तो झारखंड में साइबर अपराधी अलग ही खेला खेल रहे हैं. सरकारी विभाग का फर्जी साइट बना लोगों को नौकरी के नाम पर ठग रहे हैं. ठगों ने झारखंड की राज्य स्तरीय कृषि प्रबंधन, विस्तार सह प्रशिक्षण संस्थान (SAMETI) की फर्जी वेबसाइट (www.jharkhandagri.com) ही बना दी है. इतना ही नहीं, इस वेबसाइट पर 1523 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाल दिया है.
हालांकि, इस फर्जी वेबसाइट की सूचना मिलते ही SAMETI के निदेशक ने साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही लोगों को इस फर्जी वेबसाइट से चेताया भी है. उन्होंने कहा कि झारखंड की आधिकारिक वेबसाइट www.sameti.org है. इस वेबसाइट की सभी जानकारियां फर्जी वेबसाइट www.jharkhandagri.com पर अनाधिकृत रूप से प्रकाशित की जा रही हैं. साथ ही नियुक्तियों से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित कर धोखाधड़ी करने का प्रयास किया जा रहा है. समेति द्वारा किसी भी प्रकार का विज्ञापन केवल समेति की वेबसाइट www.sameti.org और स्थानीय समाचार पत्रों में ही प्रकाशित किया जाता है. इसके अलावा किसी भी फर्जी वेबसाइट में प्रकाशित विज्ञापन के लिए समेति जिम्मेदार नहीं है.
ये तो सिर्फ एक वेबसाइट की बात हुई. लेकिन ये शातिर साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से लेकर कॉल और मैसेज में फर्जी लिंक भेज कर भी लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. ये हमेशा लुभाने तरीके के मैसेज करते हैं. जैसे की घर बैठे लाखों कमाने का मौका या बस इस काम को कर कमाएं हजारों रुपए. इन्हीं मैसेज के झांसे में आकर मंगलुरु की भी एक महिला ने लाखों गंवा दिए. महिला के फोन में "interviewshine.co.in" नामक वेबसाइट के लिंक का SMS आया. वेबसाइट का नाम देख महिला को किसी जॉब का विज्ञापन लगा और महिला ने बिना कुछ सोचे समझे उस पर क्लिक कर दिया. क्लिक करते ही महिला का Gmail अकाउंट सहित Amazon एप्प को ठगों ने हैक कर लिया. फिर होना क्या था इनके जरिए ठगों ने क्रेडिट कार्ड से लेकर जरूरी जानकारी निकाल ली. इसके बाद महिला के अकाउंट से 2,19,500 रुपए अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. जब महिला को पैसे कटने का मैसेज मिला तब उसे अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. हालांकि, महिला ने समय रहते पुलिस को इस बात की जानकारी दी और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई.
ऐसे में अब सवाल उठता है की इनसे कैसे बचा जाए. क्योंकि, हर दिन फोन में कई तरह के नौकरी के एड्स या मैसेज में लिंक आते रहते हैं. इस तरह के मैसेज पढ़ कई लोग ठगों के झांसे में आ जाते हैं. खासकर के जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं. महिलाएं भी घर बैठे पैसे कमाने के झांसे में आ जाती हैं और फिर हजार कमाने के जगह लाखों गंवा देती हैं.
बचने के उपाए
- अगर आपके नंबर पर कोई मैसेज आता है जिसमें नौकरी से जुड़ी कोई लिंक हो तो भूल कर भी न लिंक पर क्लिक करें. क्योंकि, ये लिंक ज्यादातर फ्रॉड होते हैं.
- सोशल मीडिया पर भी अगर आपको वर्क फर्म होम जैसी नौकरी के लिए विज्ञापन दिखाई दे तो पहले कंपनी के आधिकारिक साइट पर जाएं और पता लगाएं.
- अपने Gmail, बैंक के एप्प और शॉपिंग एप्पस जैसे जरूरी अककौनट्स पर Two Factor Authentication (OTP, Face ID, या अन्य सुरक्षा उपाय) जैसे सिक्योरिटी सीस्टम को हमेशा ऑन रखे. ताकि, हैकर्स को आपके इन जरूरी एप्पस का एक्सेस न मिल सके.
- कभी गलती से लिंक पर क्लिक कर दिया हो तो अपने बैंक अकाउंट और क्रेडिट-डेबिट कार्ड के लेनदेन पर नजर रखें. अगर किसी तरह की भी संदिग्ध लेनदेन दिखाई दे तो तुरंत अपने बैंक को इस बारे में जानकारी दें और साइबर थाने में जाकर इसकी शिकायत करें.