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दलित छात्रों की छात्रवृति बना बिहार का राजनीतिक मुद्दा! चिराग के निशाने पर सीएम नीतीश, जानिए कहां जा रहा है छात्रवृति का पैसा

दलित छात्रों की छात्रवृति बना बिहार का राजनीतिक मुद्दा! चिराग के निशाने पर सीएम नीतीश, जानिए कहां जा रहा है छात्रवृति का पैसा

पटना(PATNA): - बिहार की राजनीति में दलित छात्रों की छात्रवृति एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, अब इस मामले में चिराग पासवान की भी इंट्री हो चुकी है. उन्होंने दलितों की छात्रवृति का मामला उठाते हुए सीएम नीतीश को दलित विरोधी करार दिया है, चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश सरकार की नीतियों के कारण वर्ष 2016 से दलित छात्रों की छात्रवृति बंद है, एक-एक कर दलित छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ने पर विवश हो रहे हैं, लेकिन नीतीश सरकार की चुप्पी टूट ही नहीं रही है, उल्टे यहां दलित-महादलित, पिछड़ा-अतिपिछड़ा और कोयरी-कुर्मी का कार्ड खेलकर समाज को तोड़ने की कोशिश की जा रही है.

दलित छात्रों की छात्रवृति पर से अपर लिमिट हटाने की मांग

उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के द्वारा दलित छात्रों की छात्रवृति पर अपर लिमिट लगा दिया गया है, इस लिमिटेशन के बाद हर छात्र को करीबन 15 हजार रुपये की राशि दी जाती है, चाहे उसकी जरुरत जो भी हो. जबकि पूर्व की नीति के तहत इन छात्रों को होस्टल और ट्यूशन फीस की पूरी राशि दी जाती थी, यही कारण है कि दलित छात्र अब इस योजना में कोई रुचि नहीं दिखला रहे हैं, साल दर साल लाभांवित छात्रों की संख्या घटती जा रही है.

फ्री शीप कार्ड योजना लागू करने की मांग

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए केन्द्र सरकार की फ्री शीप कार्ड योजना को लागू करने की मांग करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि यदि बिहार के छात्रों को भी इसका लाभ मिला होता तो उन्हे स्कूल-कॉलेज छोड़ने के लिए विवश नहीं होना पड़ता, उनके ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस का पैसा सीधे उनके खाते में गया होता.

क्या है फ्री शीप योजना

यहां बता दें कि फ्री कार्ड योजना के तहत छात्रों को प्राइवेट और निजी शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला मिलता है. इस कार्ड को राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के द्वारा मिल कर जारी किया जाता है, लेकिन केन्द्र की इस योजना को अब तक नीतीश सरकार ने हरि झंडी नहीं दिखलायी है.

कैग की रिपोर्ट का हवाला

चिराग पासवान ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार एससी-एसटी सब प्लान के पैसे को डायवर्ट कर बिजली विभाग, विभिन्न सड़क परियोजनाओं, तटबंधों का निर्माण और  बाढ़ नियंत्रण के विभिन्न परियोजनाओं में लगा रही है.

क्या है पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप

यहां यह भी बता दें कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत केन्द्र और राज्य की सरकार दलित, पिछड़े वर्ग के छात्रों को छात्रवृति मुहैया करवाती है, इसमें 60 फीसदी राशि केन्द्र सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार प्रदान करती है. छात्रवृति का इस्तेमाल कर दलित परिवारों के होनहार छात्र प्रोफेशनल, टेक्निकल, मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और पोस्ट ग्रेजुएट के विभिन्न कोर्स पूरा करते रहे हैं. वंचित वर्ग के छात्रों का सपना साकार होता रहा है, लेकिन अब नीतीश सरकार पर छात्रवृति के लिए अपर लिमिट लगाकर एससी-एसटी सब प्लान के पैसे को डायवर्ट कर पुल पुलिया के निर्माण में लगाने का आरोप है.

 

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Published at:27 Feb 2023 04:19 PM (IST)
Tags:St sc scholarshipScholarship for st sc student Post Matric sholarship Chirag paswan Nitish kumar bihar
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