टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में जैन समुदाय के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में पूरे देश भर में प्रदर्शन हो रहा है. लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं. झारखंड सहित दिल्ली, जयपुर हर जगह आंदोलन हो रहा है. अब इस आंदोलन में लोगों को बसपा प्रमुख मायावती का भी समर्थन मिला है. मायावती ने ट्वीट कर सरकार को लताड़ लगाई है.
मायावती ने किया ट्वीट
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में अब जैन धर्म के लोगों को भी अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व पवित्रता के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में आन्दोलित होकर इण्डिया गेट सहित सड़कों पर जबरदस्त तौर पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है, यह अति-दुःख व चिन्ता की बात है. केन्द्र व राज्य सरकारें टूरिज़्म के विकास आदि को बढ़ावा देने के नाम पर कमर्शियल दृष्टिकोण से जिन गतिविधियों को अंधाधुंध बढ़ावा दे रही हैं उससे श्रद्धालुओं में खुशी कम व असंतोष ज्यादा है। सरकारें धर्म की अध्यात्मिकता तथा धार्मिक स्थलों की पवित्रता बरकरार रखे तो बेहतर.”
ओवैसी ने भी दिया था समर्थन
बता दें कि इससे पहले AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी जैन समाज के प्रर्दशन को समर्थन दिया है.उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं और झारखंड सरकार को इस फैसले को रद्द करना चाहिए.
झारखंड में सियासी बयानबाजी तेज
वहीं इस विवाद को लेकर झारखंड में पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में लगी है. एक ओर बीजेपी जहां इस मुद्दे को लेकर राज्यसरकार पर हमलावर है. तो वहीँ झामुमो इस विवाद की जड़ पूर्व की रघुवर सरकार को मान रही है. झामुमो का कहना है कि 2018 में रघुवर सरकार में श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया गया था. तो वहीं बीजेपी का कहना है कि 2021 में झारखंड सरकार ने अपनी नई पर्यटन स्थल नीति के तहत इस स्थल को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है. इसी तरह राज्य में सियासी बयानबाजी भी चरम पर है.
जानिए क्या है विवाद की वजह
बता दें कि कुछ दिनों पहले सम्मेद शिखर के आसपास का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ युवक शराब पीते हुए मस्ती करते नजर आ रहे थे. इसके बाद से ही जैन धर्मावलंबियों का विरोध और मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया था. मालूम हो कि सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है. बावजूद इसके सम्मेद शिखर के आस पास कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था. धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी. यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे. इसी कारण इसका विरोध हो रहा है.