बांका(BANKA): शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का सब करो जतन, सुन लो पापा विनती हमारी....पढ़ने की है उम्र हमारी. रुकमणी अभी और पढ़कर नौकरी करना चाहती है. लेकिन इसी बीच उसकी शादी करवा दी गई. और फिर रुकमणी प्रेग्नेंट हो गई. लेकिन रुकमणी का हौसला कम नहीं हुआ . इस साल रुकमणी को मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होना था. जब परीक्षा शुरू हुई तो रुकमणी परीक्षा में शामिल भी हुई. रुक्मिणी ने मंगलवार को बिहार बोर्ड की गणित की परीक्षा दी और रात में उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. फिर बुधवार सुबह रुकमणी ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद भी वह अपनी परीक्षा देने के लिए दृढ़ थी. छात्रा परीक्षा देने के लिए अड़ी रही. डॉक्टर और परिजनों ने काफी समझाया. लेकिन रुकमणी नहीं मानी और उसने परीक्षा में शामिल होकर विज्ञान की परीक्षा दी.
बिहार की इस छात्रा ने एक उदाहरण पेश किया है. चान्दन एमएमकेजी इंटर कॉलेज में चल रहे मेट्रिक परीक्षा के दूसरे दिन एक छात्रा ने परीक्षा से 2 घंटा पूर्व एक बच्चे को चांदन अस्पताल में जन्म दिया. जानकारी के अनुसार विद्यार्थी रुकमणी कुमारी अंबेडकर आवासीय हाई स्कूल कटोरिया की छात्रा है. रुकमणी 14 फरवरी को गणित की परीक्षा देने के बाद उसे रात में प्रसव पीड़ा होने से परिवार वालों ने चांदन अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सक के देखरेख में 15 फरवरी बुधवार को सुबह 6:00 बजे एक बच्चे को जन्म दिया. रुकमणी हमेशा अपनी शिक्षा पूरी करना और एक अच्छी नौकरी हासिल करना चाहती थी. रुकमणी मां बन कर गर्व महसूस कर रही है. वहीं, परिवार के लोग परीक्षा के बाद पार्टी की तैयारी में हैं.