Tnp desk:-क्रिकेट के महासंग्राम में कप्तान का किरदार निभा रहे रोहित शर्मा के बल्ले से भी खूब रन उगल रहे हैं. पिछले दस मैच में लगातार विजय रथ पर सवार भारतीय टीम का जीत का सिलसिला जारी है. रोहित शर्मा की सलामी बल्लेबाजी का आक्रमक और ताबड़तोड़ रुख टीम के लिए फायदेमंद साबित हुआ है. अभी तक उनकी जानदार इनिंग्स यह बताती है कि कितने प्रचंड फॉर्म में उनका बल्ला गरज रहा है. अब आखिरी इम्तहान या फिर कहे अग्निपरीक्षा की घड़ी है. जहां ये जीत नया इतिहास तो लिखेगी ही, इसके साथ रोहित का नाम भी कपिलदेव, धोनी के जैसे चैंपियन कप्तानों में शुमार हो जाएगा
रोहित के पास इतिहास लिखने का मौका
अपने धमाकेदार औऱ तूफानी बल्लेबाजी से रोहित तो क्रिकेट फैंस के आंखों के तारे बनें हुए हैं. वही विपक्षी टीम और गेंदबाजों के लिए खलनायक साबित हो रहें है . बेशक विराट कोहली ने इस विश्व कप में 700 से पार रन बनाकर दुनिया के ऐसे इकलौते बल्लेबाज बन गये हैं, जिसने क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतियोगिता में इतना ज्यादा रन बनाए हो. लेकिन, रोहित ने भी पिछले दस मैच में टीम को एक सबल और सटीक आगाज दिया है. अभी तक दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 1 शतक, 3 अर्धशतक की मदद से 550 रन बना चुके हैं. अब उनके सामने खिताबी जंग में शतक जमकर रिकॉर्ड बनाने का सुनहरा मौका है. जो बहुत ही मुश्किल से किसी के करियर में आता है.
कपिल,गांगुली और धोनी से आगे निकल सकते हैं रोहित
दरअसल, रोहित के पास एक बेहतरीन मौका है कि वर्ल्ड कप के फाइनल में शतक जड़े. एक तो वो सलामी बल्लेबाज है. लिहाजा, उनके पास ओवर और समय भी है. इसके साथ ही अगर पहले बल्लेबाजी का मौका टीम इंडिया को मिलती है, तो फिर रोहित के लिए और ज्यादा मुफीद हो जाएगा. अभी तक भारत का कोई कप्तान विश्व कप खिताबी मैच में शतक नहीं जमाया है. 1983 में कपिलदेव की अगुवाई में भारतीय टीम चैंपियन बनी थी. लेकिन, उस मैच में कप्तान कपिल ने सिर्फ 15 रन बनाए थे. हालांकि, कपिल ने सेमीफाइनल में अविश्वसनीय 175 रन की पारी खेलकर ही भारत को फाइनल में पहुंचाया था. उस इनिंग की आज तक चर्चा होती है. इसके बाद 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गांगुली ने भी आखरी दो का मैच खेला था, इस ट्रॉफी वाले मैच में टीम इंडिया बुरी तरह से पटखनी खाई गई थी. इसके साथ ही सौरव भी 24 रन बनाकर जल्दी आउट हो गये थे. कपिलदेव, गांगुली के बाद महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2011 में भारत श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबला खेला था. इस मैच में टीम इंडिया शानदार जीत दर्ज कर देशवासियों को दूसरा वर्ल्ड कप का तोहफा दिया था. हालांकि, इस मुश्किल फाइनल में कप्तान धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेली और छक्के मारकर विजय श्री दिलायी थी. लेकिन, माही 9 रन से शतक बनाने से चुक गये थे. उन्हें इस बात का मलाल तो दिल में आज भी होगा, क्योंकि उनके शतक से पहले विजय लक्ष्य आ गया था.
भारत चौथी बार क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा है. इस बार रोहित शर्मा के सामने ट्रॉफी जीतने का मौका और चुनौती दोनों है. इसके साथ-साथ ही जो पिछले कप्तान नहीं कर सके यानि फाइनल में सैकड़ा नहीं जड़ सके. वो इस बार कर सकते हैं. क्योंकि, धमाल का फॉर्म और बेतहाशा रन बरसा रहा उनका बल्ला और किस्मत दोनों साथ दे रहा है. अब देखना है कि क्या वाकई ऐसा रोहित करने में कामयाब होते हैं.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह