टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश में जारी रामचरित मानस विवाद के बीच विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सपा और राजद की सदयस्ता खत्म करने की मांग की है. उनके द्वारा इसके लिए चुनाव आयोग से मिलने के लिए समय की मांग की गई है. विश्व हिंदू परिषद का दावा है कि सपा और राजद के द्वारा रामचरितमानस के खिलाफ टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, एक पजींकृत राजनीतिक दल के द्वारा ऐसा करना नियमों को खुला उल्लंघन है.
बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान से हुई थी इसकी शुरुआत
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर के एक बयान से होती है, शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने मानस की कुछ चौपाइयों को उद्धृत करते हुए कहा था कि मानस की ये चौपाइयां देश के दलित, पिछड़ों की भावनों को आहत करने वाला है, साथ ही उन्होंने रामचरित मानस को बंच ऑफ थॉट और मनुस्मृति के समान ही विभाजनकारी और नफरत फैलाने ग्रन्थ बतलाया था.
पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा, पर विवाद
प्रोफेसर चन्द्रशेखर ने कहा था कि ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’ और प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं, मरजादा पुनि तुम्हारी कीन्हीं, ढोल गंवार सूद्र पसु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी” को जिस रुप में भी परिभाषित करने की कोशिश की जाए, यह दलित-पिछड़ी जातियों के लिए यह अपमानकारक ही बना रहेगा.
प्रोफेसर चन्द्रशेखर के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने खोला था मोर्चा
प्रोफसर चन्द्रशेखऱ के इस बयान के बाद यूपी से स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी इन पंक्तियों को उद्धृत करते हुए रामचरित मानस पर सवाल खड़े किये थें, जिसके बाद कई साधू-संतों की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्या का सिर कलम करने वालों के लिए इनाम की भी घोषणा की गयी, लेकिन बड़ी बात यह रही कि सपा और राजद अपने-अपने नेताओँ के बयान के साथ खड़ी रही, उल्टे अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्या का कद बढ़ाते हुए पार्टी का महासचिव बना दिया.
राजद ने पूछा 90 फीसदी हिन्दूओं का अपमान कब तक सहेगा हिन्दुस्तान
इधर राजद ने प्रोफेसर चन्द्रशेखर के बयान को मंडलवादी राजनीति का विस्तार बता दिया, साथ ही मानस की विवादित पंक्तियों को राजद कार्यालय में लगाया गया, और एक प्रश्न भी पूछा गया कि 90 फीसदी हिन्दूओं का अपमान कब तक सहेगा हिन्दुस्तान.
सपा और राजद की कोशिश इस बहाने दलित और पिछड़ों की गोलबंदी कायम करने की
साफ है कि भाजपा और दूसरे हिन्दू संगठनों की कोशिश सपा और राजद को हिन्दू विरोधी बतलाकर भाजपा के पक्ष में गोलबंदी करने की है, वहीं सपा और राजद की रणनीति इस मुददे को गरम कर दलित, पिछड़े और दूसरे वंचित जातियों को एकजुट कर भाजपा के खिलाफ खड़ा करने की है. यही कारण है कि पूरा सपा-राजद परिवार इन नेताओं के पक्ष में खड़ा है और उल्टे भाजपा से पूछ रही है कि 90 फीसदी हिन्दूओं का अपमान कब तक सहेगा हिन्दुस्तान?
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार