पटना(PATNA): रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आपत्तिजनक बयान को लेकर अब राजद और जदयू आमने सामने हैं, जहां एक तरफ जदयू का कहना है कि इस बयान पर शिक्षा मंत्री को सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए. वहीँ राजद का कहना है कि कोई भी बयानवीर ना बनें.
जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि राष्ट्रीय जनता दल के कुछ नेताओं द्वारा हमारे मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर टिप्पणी की जा रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और इनके कोटे से शिक्षा मंत्री द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है. कुछ लोग इनके यहां ऐसे भी हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर चल रहे हैं और महागठबंधन की जड़ में मट्ठा डालने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इन मामलों को देखेंगे और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. सिर्फ देखने से नहीं होगा, इनके नेताओं द्वारा सार्वजनिक पटल पर ऐसे बयान दिए जा रहे हैं, जो कहीं से भी गठबंधन के लिए ठीक नहीं है.
राजद ने किया पलटवार
वहीं जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा के बयान के बाद राजद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई. RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ने कल स्पष्ट कर दिया और बयानवीरो को चेतावनी भी दे दी. बीजेपी चाहती है कि इस तरीके के भावनात्मक मुद्दों को हवा देना, उसमें हमारे सहयोगी भी ना फंसे, किसी के झांसे में ना आए. महागठबंधन की सरकार, नीतीश तेजस्वी की सरकार महामजबूती से चल रही है. जिनको रामचरितमानस का अधूरा ज्ञान है, उनको खुली चुनौती है कि आ जाए पटना के महावीर मंदिर में रामचरितमानस का पूरा अर्थ समझा दिया जाएगा. जब तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया कि हम सभी धर्म ग्रंथों का सम्मान करते हैं. इसके बाद कहीं कोई विवाद का प्रश्न ही नहीं है. अगर इसके बाद भी कोई बयान दे रहे हैं तो इसका मतलब है कहीं ना कहीं, कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना और कहीं और का स्क्रिप्ट लिखा हुआ वह बोल रहे हैं. मुंह में राम, बगल में छुरी बालों से हमेशा हमारी दूरी रही है.
तेजस्वी ने बीजेपी का भ्रम बताया था
बता दें कि इस विवाद में तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि संविधान का सबको सम्मान करने की ज़रूरत है. किसी के एजेंडा को चलाने से कोई फ़ायदा नहीं होगा. यह बीजेपी के द्वारा भ्रम फैलाया गया है. हमारा नेतृत्व कौन कर रहा है, यह सभी जानते हैं. जो नेता चाहते हैं, वही होता है. कौन क्या बोलता है, इससे कोई मतलब भी नहीं है. किसी को जात-पात में नहीं बांटा जा सकता है. वहीं जगदानंद सिंह के मण्डल और कमंडल के बयान से तेजस्वी किनारा करते नजर आए.