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नासा को ठुकरा कर बिहार के लाल ने बनाया स्वदेशी रोबोट, सेना के लिए हर चक्रव्यूह तोड़ेगा ये अभिमन्यु  

नासा को ठुकरा कर बिहार के लाल ने बनाया स्वदेशी रोबोट, सेना के लिए हर चक्रव्यूह तोड़ेगा ये अभिमन्यु  

बिहार(BIHAR): बिहार मिट्टी अफसर और सैनिक उपजाति है. ये बात कहने सुनने को तो बहुत आई है लेकिन इन दिनों देखा भी जा रहा है. दुनियाभर में बिहार की छवि दिनोंदिन बदलती जा रही और अब इस बिहार के लाल ने किया है एक और कमाल जी हाँ मुजफ्फरपुर के छात्र दिव्य प्रकाश के मॉड्यूल को नासा ने किया स्वीकृत. साथ में काम करने का भी दिया था ऑफर, परंतु नासा के ऑफर को ठुकरा कर दिव्य प्रकाश ने खुद रोबोट बनाने का निर्णय लिया है. अपने इस प्रोजेक्ट और रोबट को दिव्य ने नाम दिया है “अभिमन्यु”. बता दें दिव्य प्रकाश स्थानीय बी बी कोलेजियेट स्कूल में अभी पढ़ाई कर रहें है.

चुटकियों में निपटाएगा आतंकियों को

मुजफ्फरपुर के बीबी कॉलेजिएट के 12 वीं में पढ़ने वाला छात्र दिव्य प्रकाश अपने इनोवेशन से स्वदेशी रॉबर का हाईटेक मॉडल विकसित कर रहे हैं. वे बॉर्डर इलाकों में बगैर किसी मानव के  इस्तेमाल किए बगैर आतंकवादियों से निपटने के लिए स्वचालित टैंक का मॉडल विकसित कर रहे हैं.  छात्र को नासा की ओर से उसके लैब में काम करने का ऑफर दिया गया,  लेकिन छात्र ने इस ऑफर को ठुकरा दिया. पिछले तीन वर्षों से वे अभिमन्यु - द गेम चेंजर नाम के रोवर पर काम कर रहे हैं. छात्र दिव्य प्रकाश ने बताया कि यह डिफेंस क्षेत्र में काम करने वाला एक रोवर होगा. इसमें 14 अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से इसे पूर्णरूपेन बुलेट प्रूव बनाने का प्रयास है जो 100 किलो भार ढोने की क्षमता रखेगा. अपने सेंसर के सहारे वह किसी जगह छुपे आतंकवादियों या बंधकों की तस्वीरें कैमरा के सहारे अपने सिस्टम को भेजेगा . अब उसे ऑपरेट करनेवाला सिस्टम यह निर्णय लेगा की आगे क्या कदम उठाना है.

सेना के लिए होगी अत्यंत उपयोगी

छात्र ने बताया कि रोवर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया गया है. अगर कश्मीर जैसे क्षेत्र में अगर कोई आतंकवादी किसी बिल्डिंग में प्रवेश कर वहां के निवासियों को बंधक बनाता है तो इसमें रोवर अपना कमाल दिखाएगा. वह वहां पहुंचकर वहां के लोगों की तस्वीर को स्कैन करेगा. भवन में रखे गए गोला-बारूद से लेकर अन्य विस्फोटक पदार्थ की जानकारी भी इसमें लगे डिवाइस से मिलेगी. बगैर मानव के ही इसे युद्ध क्षेत्र में भी भेजा जा सकेगा. अन्य कई कमाल के फीचर इसमें जोड़ा जा रहा है. छात्र ने बताया कि इसका नाम महाभारत के अभिमन्यु से प्रेरित है. इसका नाम उनके मेंटर संजय चौधरी ने ही रखा है. इसमें दूसरा साथी हर्ष राज भी मदद कर रहे हैं. मेंटर संजय चौधरी ने बताया कि बारहवीं का यह छात्र शुरू से एनडीए की परीक्षा पास कर सेना में ऑफिसर बनना चाहता था. मेडिकल अनफिट होने के कारण वह इसकी तैयारी नहीं कर सका. सातवीं कक्षा से ही स्टूडेंट्स आर्डिनो, रोबोटिक्स और अन्य तकनीकी ज्ञान अर्जित कर रहा था. सेना में नहीं जा सकने की जगह उसने अपनी उर्जा को डिफेंस सेक्टर के लिए रोवर बनाने में लगाना शुरू कर दिया.

Published at:23 Dec 2022 10:40 AM (IST)
Tags:THE NEWS POSTBIHAR NEWS DIVY PRAKASH Rejecting NASA Bihar's Lal made indigenous robot
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