टीएनपी डेस्क(TNP DESK) आरबीआई के इस फैसले के बाद अब बैंक कर्जदाताओं को कर्ज अदायगी के बाद दौड़ा नहीं पाएंगे. तय समय पर चल, अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज कर्जदारों को नहीं लौटाएंगे तो उन्हें प्रतिदिन₹5000 जुर्माना देना होगा. आरबीआई ने बुधवार को कर्जदारों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
जानिए क्या है नियम
आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि पूरी कर्ज अदायगी के 30 दिनों के भीतर चल या अचल संपत्ति से जुड़े मूल दस्तावेज कर्ज लेने वाले को लौटाने होंगे. इसका पालन नहीं करने पर बैंकों को ₹5000 प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना देना होगा. आरबीआई ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. यह निर्देश उन सभी मामलों पर लागू होंगे, जहां मूल चल, अचल संपत्ति के दस्तावेज पहली दिसंबर 2023 या उसके बाद जारी होने हैं. आरबीआई ने कहा है कि कर्जदाता को उनकी प्राथमिकता के अनुसार दस्तावेजों को या तो उस बैंक शाखा से एकत्र करने का विकल्प दिया जाएगा ,जहां ऋण खाता संचालित हुआ था या फिर संबंधित इकाई के किसी अन्य कार्यालय में दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे. संबंधित कागजात जारी करने में देर होने पर बैंक और वित्तीय संस्थान को कर्ज दाता को इसकी सूचना देनी होगी. यदि कर्जदार की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को दस्तावेज देने होंगे .यदि बैंक या अन्य हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां कागजात या ओरिजिनल दस्तावेज खो देते हैं ,तो फिर से कागजात निकलवाने में बैंक को ही ग्राहक की मदद करनी होगी और इसका खर्च भी उठाना होगा. यह खर्च मुआवजे के अतिरिक्त होगा. अभी तक यह देखा जाता था कि बैंक मूल दस्तावेज लौटाने में बहुत दिलचस्पी नहीं लेते हैं. कर्ज चुकाने के बाद भी कर्जदारों को बैंकों का चक्कर लगाना पड़ता है. आरबीआई के इस निर्देश से कर्जदारों को बड़ी राहत मिल सकती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो