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रामगढ़ उपचुनाव: महतो वोट बैंक में सेंधमारी नहीं कर पाने का मलाल, सही समय पर सही फैसला क्यों नहीं कर पाती कांग्रेस

रामगढ़ उपचुनाव: महतो वोट बैंक में सेंधमारी नहीं कर पाने का मलाल, सही समय पर सही फैसला क्यों नहीं कर पाती कांग्रेस

रांची(RANCHI)- क्या रामगढ़ उपचुनाव में महतो वोट बैंक पूरी तरह से आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी के पक्ष में खड़ा रहा. क्या पूर्व विधायक ममता देवी को महतो मतदाताओं ने नकार दिया. क्या कांग्रेस और यूपीए के पास महतो समुदाय का कोई भी करिश्माई नेतृत्व नहीं था. क्या शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने रामगढ़ उपचुनाव में अपना दमखम दिखलाया? या ममता देवी के साथ ही महतो मतदाताओं ने जगरनाथ महतो को भी नकार दिया? क्या यह माना जाए कि आज भी झारखंड के महतो मतदाताओं का एकमात्र विश्वास सुदेश महतो पर ही है. यह कुछ ऐसे सवाल है, जिनका उतर कांग्रेस को निकट भविष्य में तलाशना होगा. नहीं तो 2024 के महामुकाबले में उसकी हालत और भी खराब हो सकती है.

महतो मतदाताओं की एकजुटता बनी हार की वजह

ये प्रश्न इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रामगढ़ उपचुनाव की हार की समीक्षा के क्रम में कांग्रेस का यह मानना है कि हार की बड़ी वजह महतो मतदाताओं का एकजुट होकर आजसू प्रत्याशी के पक्ष में खड़ा होना था. खुद कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी यही मानते हैं.

कांग्रेस के समक्ष महतो नेतृत्व की चुनौती

लेकिन यदि यह बात सही है तब कांग्रेस के लिए गंभीर चुनौती है, क्योंकि झामुमो को छोड़ दें तो कांग्रेस के पास महतो समुदाय से कोई दमदार नेतृत्व ही नहीं है. जबकि झारखंड में महतो मतदाताओं की संख्या करीबन 20 से 22 फीसदी माना जाती है.

आजसू की राजनीति

उधर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को महतो समुदाय पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. आजसू की पूरी राजनीति ही महतो मतदाता पर टिकी रही है, इसके विपरीत कांग्रेस के पास इस समुदाय के नेताओं का अकाल है. यही कारण है कि कांग्रेस के अन्दर से विक्षुब्धों की मांग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर किसी आदिवासी-मूलवासी को बिठान की मांग की जाती रही है. 

महतो मतदाताओं को हल्के में क्यों ले बैठी कांग्रेस

यहां यह भी बता दें कि इस विधान सभा सीट पर चन्द्रप्रकाश चौधरी की पकड़ भी काफी मजबूत मानी जाती है, वह यहां से तीन तीन बार विधायक भी रहे हैं, बावजूद इसके कांग्रेस के द्वारा  इसकी काट के लिए किसी महतो नेतृत्व को नहीं उतारा गया, लेकिन इसका आकलन को कांग्रेस को चुनाव के पहले ही कर लेना चाहिए था, क्या  कांग्रेस यह मान कर चल रही थी कि वह राजेश ठाकुर और दूसरे नेताओं को आगे कर महतो मतदाताओं का विश्वास जीत लेगी, यदि कांग्रेस का यही आकलन था, तब यह उनकी गंभीर भूल थी, बेहतर हो कांग्रेस जितना जल्दी हो इसका आकलन नहीं, समाधान भी खोजे.  

Published at:11 Mar 2023 01:49 PM (IST)
Tags:Ramgarh by-election CongressMahto vote bank
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