टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस पर सवाल उठाने औऱ विवादित बयानों को लेकर इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. कभी रामचरितमानस पर उनकी तल्ख और बैलोस बोल काफी बंवडर पैदा कर चुकी है . काफी फजीहत और नसीहते मिलने के बाद भी शिक्षा मंत्री मौका मिलने पर बोलने से चुकते नहीं हैं. इस बार तो उन्होंने ये कहा कि उनके सपने में भगवान राम आये थे.
भगवान राम आये थे. बिहार के शिक्षा मंत्री के सपने में आए भगवान राम
सुपौल में पिपरा के रामपुर गांव में शिक्षक नेता स्वर्गीय लक्ष्मी यादव की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आये शिक्षा मंत्री तो गजब का ही दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके सपने में भगवान राम आये थे, जो यह बोले कि ‘’देखो चंद्रशेखर, हमको इनलोगों ने बाजार में बेच दिया है, हमको बिकने से बचा लो ’’ इस दौरान उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर जमकर कटाक्ष और हमलावर रख अख्तियार किया. उन्होंने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बतलाया, जो जाति व्यवस्था को खत्म करने का संदेश देकर चले गये . उन्होंने ये भी कहा कि उनकी जीभ काटने का दस करोड़ का इनाम रख दिया गया. लेकिन, संघ प्रमुख मोहन भगवत के विरोध में दस रुपए का भी इनाम नहीं रखा.
शिक्षकों के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने देंगे
शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि, वे शिक्षको के मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने देंगे, उन्होंने केके पाठक का नाम लिए बैगर तंज भी कसा और कह डाला कि ये अलग बात है कि कुछ सिरफिरे लोग कभी-कभी आ जायेंगे और कुछ कहकर चले जायेंगे. इन सब बातों पर ध्यान नहीं देने की नसीहत दी गई. सरकार का संदेश मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री ही देंगे.
रामचरितमानस पर चंद्रशेखर के विवादित बोल
आऱजेडी के सीनियर लीडर चंद्रशेखर इससे पहले रामचरितमानस को लेकर बेहद कड़वी टिप्पणी की थी. उन्होंने, इसे पोटेशियम साइनाइड बताया था , उनका कहना था कि जब तक पोटेशियम साइनाइड रहेगा, तब तक वे इसका विरोध करते रहेंगे . इससे पहले मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. हिन्दुओं के इस पवित्र ग्रंथ के बारे में ये बतलाया था कि इसमे लिखी बाते समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं की पढ़ाई से रोकता है. उनके हक दिलाने से रोकता है.
बिहार के शिक्षा मंत्री के इस तरह के बयान पर भाजपा लगातार हमलावार रुख अपनाये हुए हैं. खुद डिप्टी सीएम डॉ चंद्रशेखर को अपने नाम काम पर ध्यान देने की नसीहत दे चुके हैं. इसके बावजूद लगातार उनका इस तरह का बयान आ ही जाता है . कबी भगवान राम सपने में आ जाते हैं, तो कभी रामचरित मानस को पोटाशियम साइनाइड कहता है, तो कभी मनु स्मृति और रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बोलते हैं.