☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Trending

राजनीतिक सौदेबाजी में रघुवर दास को दी गई डॉक्टरेट की मानद उपाधि: धीरज दुबे

राजनीतिक सौदेबाजी में रघुवर दास को दी गई डॉक्टरेट की मानद उपाधि: धीरज दुबे

रांची (RANCHI) : झारखंड के पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के निजी संस्थान, रामचंद्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय (आरसीयू) के दूसरे दीक्षांत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई. मीडिया पैनलिस्ट और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने दावा किया है कि यह उपाधि किसी खास कृपा और राजनीतिक समीकरण का नतीजा है, न कि वास्तविक उपलब्धियों पर आधारित.

दुबे ने कहा कि रघुवर सरकार में रामचंद्र चंद्रवंशी स्वास्थ्य मंत्री थे. उसी दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रामचंद्र विश्वविद्यालय को मान्यता दी थी. यह मानद उपाधि उसी एहसान का नतीजा है. धीरज दुबे ने इस मानद उपाधि को राजनीतिक सौदेबाज़ी करार दिया है. उनका कहना है कि रघुवर दास के शासनकाल में झारखंड में भूमि अधिग्रहण, आदिवासी हितों की उपेक्षा, तानाशाही और बेरोज़गारी जैसे गंभीर मुद्दे रहे हैं. ऐसे में उन्हें मानद उपाधि देना उन सैकड़ों छात्रों और शिक्षाविदों का अपमान है जो शोध और शिक्षा में वर्षों की मेहनत के बाद यह उपलब्धि हासिल करते है. शिक्षाविदों का भी एक वर्ग इस निर्णय से असहज महसूस कर रहा है. उनका कहना है कि मानद उपाधि केवल उन्हीं व्यक्तियों को दी जानी चाहिए जिन्होंने शिक्षा, विज्ञान, कला या समाजसेवा के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो. राजनीतिक नेताओं को यह उपाधि देना परंपरा को हल्का करता है और अकादमिक संस्थानों की गरिमा को प्रभावित करता है.

धीरज दुबे ने यह भी कहा कि तत्कालीन रघुवर सरकार में मंत्री रहे रामचंद्र चंद्रवंशी ने उपाधि नहीं बल्कि “एहसान का इनाम” दिया है. यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति विशेष से जुड़ा है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या हमारे शैक्षणिक संस्थान अब राजनीतिक दबावों और समीकरणों के तहत काम कर रहे हैं? मानद उपाधियाँ यदि सच्चे योगदान की बजाय राजनीतिक कारणों से बांटी जाने लगें, तो यह पूरे शिक्षा जगत के लिए चिंता का विषय है.

इतना ही नहीं दुबे ने रामचंद्र विश्वविद्यालय पर यह भी आरोप लगाया कि यह संस्थान नामांकन के समय विद्यार्थियों के ओरिजिनल शैक्षणिक सर्टिफिकेट को जमा करा लेती है. पैसे के अभाव में बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों को पूरे सत्र का फीस जमा न करने तक शैक्षणिक प्रमाण पत्र नही लौटाया जाता है.

Published at:25 Jul 2025 12:51 PM (IST)
Tags:ranchi newsjharkhand newsraghuvar dasRaghubar Das doctorate degreepolitical bargaining:JMMDheeraj Dubey
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.