पटना(PATNA): बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर के द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिये गये बयान के बाद बिहार में राजनीति गरम है. एक तरफ जहां राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इस बयान से अपनी असहमति व्यक्त की है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रोफेसर चन्द्रशेखर का समर्थन करते हुए इसे मंडलवादी राजनीति का विस्तार बताया है. उन्होंने कहा कि पूरा राजद परिवार उनके साथ खड़ी है.
अपनी जेब से दूंगा मानसिक इलाज में खर्च का पैसा-सम्राट चौधरी
लेकिन इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि मेरे पिताजी जब स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उनके द्वारा कोइलवर में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए एक मानसिक आरोग्यशाला का निर्माण करवाया गया था, हम लालूजी से आग्रह करेंगे कि प्रोफेसर चन्द्रशेखर का इलाज उसी मानसिक आरोग्यशाला में करवाया जाय, इलाज का खर्चा भी मैं खुद उठाउंगा. उन्हें कुछ दिन तक वहां रहकर इलाज करवाने और आराम करने की जरुरत है.
राम और रामायण दोनों सत्य- नित्यानंद राय
इधर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी प्रोफेसर चन्द्रशेखर पर हमला बोला है, पटना में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मंडलवादी राजनीति के पुरोधा शरद यादव की याद में आयोजित शोक सभा के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि ओझी मानसिकता के लोग ही इस प्रकार के बयान दे रहे हैं, प्रोफेसर चन्द्रशेखर को राम और रामायण के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम सब भगवान राम की पूजा करते हैं और उनके आदर्श पर चलने की कोशिश करते हैं. उनके बयान से राजद का तुष्टीकरण की नीति सामने आयी है.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रन्थ करार दिया था
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह पिछड़े, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने और उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है. उन्होंने कहा था कि मनुस्मृति और बंच ऑफ थौट की तरह ही रामचरित मानस भी एक नफरत फैलाने वाला ग्रन्थ है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार, रांची