टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में मैट्रिक का दो पेपर लीक होने से सियायत गरमाई है. विपक्ष ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए तीखा हमला बोला है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने निशाना साधते हुए कहा कि- ‘पेपर लीक माफिया के रूप में कुख्यात हेमंत सरकार ने झारखंड को फिर से शर्मसार कर दिया है. शायद यह पहली बार है कि झारखंड में मैट्रिक परीक्षा का पेपर लीक हुआ है. आज सुबह से विज्ञान विषय का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. परीक्षा शुरू होने के बाद जब प्रश्न पत्र से मिलान किया गया तो हू-ब-हु मिल गया.
इसके साथ ही ये भी कहा कि पूरी संभावना है कि JSSC-CGL परीक्षा का पेपर लीक करने वाले मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM के करीबी गिरोह ने ही मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक कांड को अंजाम दिया है. जैक अध्यक्ष ने भी प्रश्न पत्र मिलने की बात स्वीकार की है, जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारी लीपापोती करने में लगे हैं.
कहा कि मैट्रिक परीक्षा में पेपर लीक की घटना अस्वीकार्य है. शिक्षा मंत्री और जैक अध्यक्ष नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत अपना इस्तीफा दें. राज्य सरकार इस पेपर लीक कांड के सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें.
पेपर लीक माफिया के रूप में कुख्यात हेमंत सरकार ने झारखंड को फिर से शर्मसार कर दिया है। शायद यह पहली बार है कि झारखंड में मैट्रिक परीक्षा का पेपर लीक हुआ है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) February 20, 2025
आज सुबह से विज्ञान विषय का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। परीक्षा शुरू होने के बाद जब प्रश्न पत्र से मिलान किया गया…
आपको बताते चलें कि जैक ने 10वीं की हिंदी और विज्ञान की परीक्षा रद्द कर दी है. विज्ञान का प्रश्नपत्र वायरल होने का दावा किया गया था, लेकिन आज की परीक्षा का प्रश्नपत्र हूबहू वैसा ही पाया गया. अब परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर हंगामा जारी है. गिरिडीह और कोडरमा से प्रश्नपत्र लीक होने की बात सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा.
जैक अध्यक्ष का बयान आया सामने
कोडरमा डीईओ अविनाश राम ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. बताया जा रहा है कि लीक हुआ प्रश्नपत्र व्हाट्सऐप ग्रुप में 350 रुपये में बेचा गया था. मामले को लेकर जैक अध्यक्ष का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कोडरमा और गिरिडीह से प्रश्नपत्र वायरल हुआ है, जिसके बाद जिला प्रशासन से जवाब मांगा जाएगा.