टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-INDIA और NDA की लड़ाई इंडिया को लेकर चल रही है. भाजपा इंडिया गठबंधन को घमंडियां बोलने से नही हिचक रही है .आगामी लोकसभा चुनाव में इसकी लड़ाई और बढ़ेगी. सियासत की पिच पर तो जंग अभी से ही शुरु ह गई है. इस बीच राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानि NCERT पैनल ने स्कूल के सभी पाठ्यपुस्तकों में 'इंडिया' को 'भारत' से बदलने की सिफारिश की है. इस पर समिति के अध्यक्ष सी आई इस्साक ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि NCERT पैनल ने सभी सबजेक्टस के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली IKS शुरू करने की सिफारिश की है.
प्राचीन इतिहास की बजाए शास्त्रीय इतिहास
एनसीईआरटी की टीम ने पाठ्यपुस्तकों में 'प्राचीन इतिहास' की बजाय 'शास्त्रीय इतिहास' को भी शामिल करने की सिफारिश की है. दरअसल, सामाजिक विज्ञान की एक उच्च स्तरीय समिति ने इसकी सिफारिश की है, जिसके मुताबिक, सभी कक्षाओं की स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इंडिया को 'भारत' से बदल दिया जाना चाहिए. हालांकि, NCERT के अधिकारियों ने साफ किया है कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. आई इस्साक ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि, समिति ने सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि 'भारत' नाम का इस्तेमाल सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों में किया जाना चाहिए.
‘हिन्दू जीत’ को उजागर करने की सिफारिश
एनसीआरटी पैनल का साफ सोचना है कि में 'प्राचीन इतिहास' के बजाय 'शास्त्रीय इतिहास' को शामिल करने की योजना है. उन्होंने कहा कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न जंग में 'हिंदू जीत' को उजागर करने की भी सिफारिश की है.भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद आईसीएचआर के सदस्य आई इस्साक ने कहा कि 'वर्तमान में हमारी विफलताओं का उल्लेख पाठ्यपुस्तकों में किया गया है. लेकिन, मुगलों और सुल्तानों पर हमारी जीत का कुछ भी नहीं है'
मालूम हो कि NCERT, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मुताबिक, स्कूली पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम को संशोधित कर रहा है. परिषद ने हाल ही में इन कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति NSTC का गठन किया है.
NCERT की इस सिफारिश पर लाजमी है कि आगे हल्ला होगा पाठ्यपुस्तकों में इंडिया की जगह भारत में तब्दीली करने पर तरह-तरह की बयानबाजियां देखने को मिलेगी. अब देखना है कि सियासत में इंडिया और भारत में कौन वजूद में रहेगा. क्योंकि अभी तो इसकी सिफारिश की गई है, अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.