टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- दुनिया में फिर से कोरोना के नए वेरिएंट का कहर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. जे. एन. -1 वायरस जिस तरह दुनिया भर के अनेक देशों में दस्तक दी है, इससे डर औऱ खलबली मची हुई है. आपको बात दें कि इस नये वायरस के आते ही 5 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस खतरें को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को हेल्थ एड्वाइजरी जारी किया है और सभी राज्यों को अलर्ट रहने को कहा है.
भीड़ को नियंत्रित करने की कवायद
हेल्थ मिनिस्ट्री की नए एड्वाइजरी के अनुसार कोरोना के नए वेरिएन्ट जे एन -1 कि भारत में प्रवेश करने की पुष्टि हुई है. इसे देखते हुए सभी राज्यों को पूरी तरह से अलर्ट रहने के लिए बोला गया है. आने वाले नए साल में होने वाले कार्यक्रमों में भीड़ कंट्रोल करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत बताई गई. मंत्रालय ने कोरोना के मामलों की आरटी पीसीआर तकनीक से टेस्टिंग बढ़ने पर जोर दिया. अगर कोई मरीज का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसके सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG LAB में भेजा जाना चाहिए ..
नए वेरिएंट से 5 लोगों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को भारत में कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 1828 रही. इस दौरान देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5 हो गई. जिसमे 4 केरल और 1 यूपी के रहने वाले थे. देश में मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. इससे पहले रविवार को कोरोना से देश में 335 नए मामले सामने आए हैं.
केरल में मिला पहला मरीज
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने कहा कि 8 दिसंबर को केरल के काराकुलम कोरोना का नया वेरिएंट सामने आया था. एक 79 साल की महिला के आरटी-पीसीआर टेस्ट से उसमें कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 का पता चला था. इससे पहले उसे 18 नवंबर को कोरोना होने का पता चला था. तब उसे इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे और तब से वह कोविड-19 से उबर चुकी थी... लेकिन बाद में उसमें कोरोना का नया वेरिएंट पाया गया.
लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि इस वेरिएंट का पता कुछ महीनों पहले सिंगापुर हवाई अड्डे पर जांच के दौरान पता चला था. उसके बाद राज्य में विदेश से लौटने वालों खासकर सिंगापुर से आने वालों पर खास निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के स्वास्थ्य इंतजाम पूरे हैं और घबराने की खास बात नहीं है. फिर भी राज्य के लोगों को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए. जिन लोगों को पहले से गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें ज्यादा एहतियात बरतने की अवश्यक्ता है.