टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान में अब राजनीतिक उथल-पुथल के साफ संकेत दिख रहे हैं. दूसरी तरफ सेना अभी पूरी तरह से हरकत में है. पाकिस्तान की अंदरूनी हालत इस कदर खराब हुई है कि वहां कुछ भी संभव है. देश के नागरिक बहुत परेशान हैं और शाहबाज शरीफ की सरकार को सत्ता से हटाने की मांग कर रहे हैं.अंदरूनी हालात की वजह से पाकिस्तान में कभी भी कुछ हो सकता है.सेना भी हरकत में आई हुई है. हो सकता है कि देश में अराजकता की स्थिति को संभालने के लिए सेना ही शाहबाज शरीफ की सरकार को सत्ता से हटाकर खुद शासन की बागडोर संभाल ले.
इन सभी विकल्पों पर चल रही चर्चा
पूरे पाकिस्तान में चर्चा जोर पकड़ रही है कि आखिर इस देश को मुश्किलों से कैसे निकाला जाए. मोटे तौर पर दो- तीन विकल्प पर बहस हो रही है.एक तो यह प्रस्ताव हो सकता है कि देश में एक मिली-जुली सरकार यानी नेशनल गवर्मेंट का गठन हो. दूसरा विकल्प है कि टेक्नोक्रेट को इस देश में शासन चलाने दिया जाए. तीसरे विकल्प के रूप में सैनिक शासन की चर्चा चल रही है. अधिकांश लोगों का मानना है कि संभव है कि यहां पर शाहबाज शरीफ सरकार को सेना ही सत्ता से हटा दे.
पाकिस्तान पर एक सौ अरब डॉलर विदेशी कर्ज
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति हर दिन खराब होती जा रही है. आज की तारीख में पाकिस्तान पर एक सौ अरब डॉलर विदेशी कर्ज हो चुका है. हालत ऐसी है कि पाकिस्तान कर्ज पर ब्याज अदा करने की स्थिति में नहीं है. उसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन से अब कर्ज भी नहीं मिल रहा है. महंगाई दर 42% आंकी गई है. लेकिन एकमात्र चीन है जो उसे अपनी शर्तों पर 700 मिलियन डॉलर कर्ज दिया है. इससे कुछ दिनों तक वह दिवालिया होने से बच गया है. एक और चर्चा की जाएगी पाकिस्तान के राष्ट्रपति शाहबाज शरीफ खुद ही कुर्सी छोड़ देंगे.
शासन का हो सकता बदलाव
मोटे तौर पर यह साफ है कि पाकिस्तान की हालत आने वाले दिनों में नहीं सुधर सकती है और यहां पर शासन का बदलाव हो सकता है. अधिक संभावना है कि इस देश में एक बार फिर फौजी हुकूमत देखने को मिले.