रांची (RANCHI): पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत खराब है. यह हालत कोई आज नहीं बनी है. यहां की नीयत और नीति की वजह से पाकिस्तान आज कंगाली की स्थिति में है. इसे कोई कर्ज भी नहीं दे रहा.आतंकवाद को संरक्षण देने वाला यह मुल्क अब अपने ही कारणों से बर्बादी के कगार पर है. अंतरराष्ट्रीय संस्थान की शर्तों के अनुरूप इसने अपने मंत्रालय तक बंद कर दिए हैं.
पाकिस्तान को मंत्रालय बंद करना पड़ा, जानिए विस्तार से
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की माली हालत खराब है इसके खजाने में पैसा नहीं है. कर्ज के भरोसे देश चलाने की ना बात गई है. वर्ल्ड बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा को या फिर एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज भी नहीं मिल पा रहा है.पूर्व में लिया हुआ कर्ज वापस करने की स्थिति में भी नहीं है. काफी कठिनाइयों के दौर से पाकिस्तान गुजर रहा है. उसने खर्च को कम करने के लिए अच्छा मंत्रालय को बंद कर दिया है. इसके अलावा दो मंत्रालयों को आपस में विलय कर दिया है. इतना ही नहीं खर्च में कटौती के लिए पाकिस्तान ने डेढ़ लाख नौकरियां खत्म कर दी है. ताजा जानकारी के अनुसार इससे पूरे देश में आक्रोश है. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने बड़ा ही अलग तरह का फैसला लिया है. यहां की महंगाई दर भी काफी बढ़ी हुई है. मंत्रालय बंद करना और सरकारी नौकरी खत्म करने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान यानी आईएमएफ की शर्तों के हिसाब से लिया गया है. इससे पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का नया कर्ज मिल सकेगा.
आतंकवाद को प्रश्रय देने वाला पाकिस्तान के बारे में जानना
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब होने के कई कारण है. एक बड़ा कारण भारत के खिलाफ आतंकवाद को संरक्षण देने पर खर्च है. इसके लिए पाकिस्तान को विशेष रूप से गैर बजटीय यह प्रावधान करना पड़ता है. इसके अतिरिक्त रक्षा क्षेत्र में भी जरूर से अधिक खर्च करने पड़ते हैं.
टैक्स का बोझ पाकिस्तान की जनता पर बढ़ा
पाकिस्तान की जनता गरीबी से कराह रही है. इसे समझ नहीं आ रहा है कि यह देश कैसे चलेगा. विकास करना तो दूर की बात लेकिन जरूरी खर्च के लिए पैसे का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है. ऐसे में जनता को ही सब कुछ झेलना पड़ रहा है.पाकिस्तान को अपना राजस्व बढ़ाने के लिए कृषि से होने वाली आय पर टैक्स लगाना पड़ा है.इसके अतिरिक्त रियल एस्टेट पर टैक्स की दर को बढ़ाया गया है.